Sri Lanka-India Relations: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार (21 जुलाई) को तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें से एक सुरक्षा का मुद्दा भी था. इस पर दोनों देशों की आम सहमति बनी है. 


बैठक के दौरान पीएम मोदी ने रानिल विक्रमसिंघे को यह भी याद दिलाया कि भारत 2022 में द्वीप राष्ट्र को तबाह करने वाले आर्थिक संकट को जवाब देने वाले सबसे पहले देशों में से एक था. 


चीन को लेकर हुई चर्चा!


राष्ट्रपति विक्रमसिंघे इस बात पर सहमत हुए कि श्रीलंका भारत की रणनीतिक और सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशील होगा. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच चीन को लेकर अहम चर्चा हुई. ये चर्चा ऐसे समय पर हुई है जब चीन की राजधानी बीजिंग इस वक्त बेल्ट रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत कोलंबो को द्वीप राष्ट्र के साथ अटैच कर रहा है, जो वर्तमान में चीन के कर्ज तले तबा हुआ है.


द्विपक्षीय संबंधों पर अहम चर्चा 


पीएम मोदी ने कहा कि भारत आर्थिक संकट के समय में श्रीलंका की मदद करने के अपने रास्ते पर कायम रहेगा. दोनों नेताओं ने भविष्य में डिजिटल, तेल, बिजली, सड़क और रेल कनेक्टिविटी पर ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लंबे समय के लिए अपनाने का फैसला किया.


किन-किन मुद्दों पर बनी सहमति 


राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने ही भारत और श्रीलंका के बीच 27 किलोमीटर लंबे संभावित रामेश्वरम-तलाई मन्नार संरेखण पर एक भूमि पुल का सुझाव दिया था, जिसे पीएम मोदी ने तुरंत स्वीकार कर लिया था. दोनों देशों ने समुद्री कनेक्टिविटी के हिस्से के रूप में आपसी समझ के साथ कोलंबो, त्रिंकोमाली और कांकेसंथुराई में बंदरगाहों और लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करने का फैसला किया है.


ये भी पढ़ें: Andhra Pradesh: वक्फ बोर्ड ने अहमदिया मुसलमानों को मुस्लिम समाज से किया बेदखल, केंद्र ने लगाई फटकार