नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपहार स्वरूप दिए गए प्रतिष्ठित और यादगार उपहारों की ई-नीलामी का तीसरा दौर चल रहा है. ये आयोजन 17 सितंबर से 7 अक्टूबर 2021 तक वेब पोर्टल www.pmmementos.gov.in के माध्यम से किया जा रहा है. नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने नमामि गंगे के माध्यम से देश की जीवन रेखा पवित्र नदी गंगा के संरक्षण के लिए उन्हें मिलने वाले सभी उपहारों को नीलाम करने का फैसला किया है.


पीएम मोदी ने गंगा नदी को देश की सांस्कृतिक महिमा और आस्था के प्रतीक के रूप में वर्णित किया है. उत्तराखंड के गौमुख में नदी के उद्गम स्थल से लेकर पश्चिम बंगाल में समुद्र में विलय होने तक, इस शक्तिशाली और पवित्र नदी ने देश की आधी आबादी के जीवन को समृद्ध किया है.


इस दौर में 1348 स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी की जा रही है. स्मृति चिन्ह में टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों और टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों के विजेताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को उपहार में दिए गए उपकरण शामिल हैं. स्मृति चिन्ह नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली में प्रदर्शित हैं. अब तक 1083 मदों के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं. आइटम G1656 (सजावटी गदा)  की ₹2500 के साथ नीलामी शुरू हुई. नीलामी के दौरान इस आइटम का मूल्य 101000 तक गया और 52 बोलियां लगी.




कौन-कौन से प्रतिष्ठित उपहारों की बोली लगाकर आप अपने नाम कर सकते हैं?



  • भवानी देवी वह तलवारबाजी में आठ बार की राष्ट्रीय चैंपियन रह चुकी हैं, ओलंपिक में अपना पहला मैच जीतकर इतिहास रचने वाली भवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया. इस मौके पर उन्होंने वही तलवार (फ़ेंस) प्रधानमंत्री को भेंट की.

  • ऐतिहासिक बाड़ जो अब देश का गौरव है. वह आपकी हो सकती है और आप उस पल को हमेशा के लिए संजो सकते हैं. इस बाड़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी में शामिल किया गया है. यदि आप इस बाड़ के मालिक बनना चाहते हैं.

  • ओलंपिक में पदक के सूखे को समाप्त करने में भारतीय हॉकी टीम को 41 साल लगे. मज़बूत भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास को फिर से लिखा, जब उसने टोक्यो ओलंपिक 2020 में बड़ी जीत हासिल की. टोक्यो ओलंपिक में कांस्य सिर्फ एक पदक नहीं था, बल्कि यह करोड़ों देशवासियों की आशाओं और सपनों का साकार भी था.

  • एक समय था जब भारत विश्व हॉकी पर राज करता था. ओलंपिक में आठ बार के पूर्व स्वर्ण विजेता. हालांकि पिछले चार दशकों में आधुनिक हॉकी के साथ तालमेल रखने में विफल रहे. एस्ट्रो टर्फ के आगमन और खेल के नियमों में अभूतपूर्व बदलाव के कारण भारतीय हॉकी की किस्मत में गिरावट आई, क्योंकि यह विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में संघर्ष कर रहा था. लेकिन भारतीय हॉकी टीम राख से उठी है और पुनरुत्थान की राह पर है. मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत आखिरकार ओलंपिक में सबसे अधिक मांग वाला पदक हासिल करने में सफल रहा.

  • भारत के मशहूर शटलर पीवी संधु टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद सिंधु घर घर में जाने जाना वाला नाम बन गई है. वह ओलंपिक में एक के बाद एक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं. इससे पहले उन्होंने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था,  इसी जीत का सिलसिला बरकरार रखते हुए सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में चीन की ही बिंगजियाओ को 21- 13, 21-15 से हराकर कांस्य पदक जीता.

  • ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से देश को मंत्रमुग्ध करने के बाद, सिंधु ने भारत लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना रैकेट भेंट किया, सिंधु के रैकेट का बेस प्राइज रुपये 80 लाख रखा गया है.


केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने किया निरीक्षण


केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डीओएनईआर) किशन रेड्डी ने दिल्ली में राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा का दौरा किया और प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त विभिन्न उपहारों का निरीक्षण किया तथा ई-नीलामी की प्रगति की समीक्षा की. महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के उपलक्ष्य में  संस्कृति मंत्री ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और अचानक ही कैनवास पर महात्मा गांधी के चश्मे का चित्र बनाया जो उनकी सादगी को प्रदर्शित करता है और इसके कैप्शन में "स्वच्छता" लिखा है.


इससे पहले भी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की नीलामी हो चुकी है. पिछली बार ऐसी नीलामी 2019 में हुई थी. उस नीलामी में सरकार ने 15.13 करोड़ रुपये कमाए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गंगा को स्वच्छ और पवित्र बनाने के लिए पूरी राशि नमामि गंगे कोष में जमा कर दी गई. इस बार भी नीलामी से प्राप्त राशि 'नमामि गंगे कोष' में दी जाएगी.


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