India Independence Day Speech: पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी इन्दिरा गांधी 24 जनवरी 1966 को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. उन्होंने लाल किले की प्राचीर से देश को 16 बार संबोधित किया. हालांकि, जिस साल इन्दिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थी उस साल उन्होंने लाले किले से भाषण दिया था, लेकिन उनका सबसे पॉपुलर भाषण साल 1984 की है, जिस साल उनकी हत्या कर दी गई थी. उन्होंने अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में भारत के गौरवशाली और उपलब्धियों से भरे हुए अतीत के बारे में बात की. इंदिरा ने कहा कि यह देखना हमारे लिए है कि हमारा रिकॉर्ड बेदाग बना रहे.


घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्दिरा ने दिलाई जीत


एक मायने में, इंदिरा गांधी अपना वादा निभाने में कामयाब रहीं- उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और साथ ही घरेलू मोर्चे पर भी जीत दिलाई. भारत सरकार के पूर्व प्रधान सूचना अधिकारी, आई. राममोहन राव बताते हैं कि कैसे 1975 में स्वतंत्रता दिवस भाषण की पूर्व संध्या पर, जिस वर्ष उन्होंने आपातकाल की घोषणा की थी, इंदिरा गांधी को बांग्लादेश के शेख मुजीबुर रहमान की हत्या और ढाका में तख्तापलट की खबर मिली. राव ने लिखा, "लाल किले पर उस दिन इंदिरा गांधी का चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे इसे पत्थर में तराशा गया हो."




हत्या से दो महीने पहले लाल किले से कहा- देश और आजादी को बचाना है


जिस साल इंदिरा की हत्या की गई थी उससे करीब दो महीने पहले उन्होंने लाल किले से भारत की रक्षा करने और इसकी आजादी की बातें कही थीं. इन्दिरा ने लाले किले से कहा था- “अगर हमें आजादी मिल गई तो उसके बाद हमें शांतिपूर्वक ये सोचकर नहीं बैठ जाना चाहिए कि अब हम स्वतंत्र हो गए है. इसे बरकरार रखने के लिए हमें हमेशा संघर्ष करना होगा. " हमें आजादी की इस लौ को हर तूफान, हवा के हर झोंके से बचाना है, हमें अपने कठिन परिश्रम से इसे बचाए रखना है."


उस वक्त खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकियों को खत्म करने के लिए इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया था. इंदिरा के इस भाषण के दो महीने बाद उनके अपने ही सिख बॉडी गार्ड ने उनकी हत्या कर दी थी.



कौन थीं इंदिरा गांधी? 


इन्दिरा गांधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री थीं और जिस वक्त वह पीएम बनी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं. कईयों लोगों ने उन्हें भारत का अब तक का सबसे मजबूत प्रधानमंत्री माना है. इंडियन नेशनल पार्टी की नेता इंदिरा गांधी को 1966 में प्रधानमंत्री रहते हुए निधन के बाद देश का पीएम चुना गया था. हालांकि, इन्दिरा के पीएम बनने से पहले 13 दिन के लिए गुलजारी लाल नंदा को पीएम बना गया था.


देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद इन्दिरा गांधी का बतौर पीएम सबसे लंबा कार्यकाल था. वह 1966 से लेकर 1977 तक पीएम पद पर रहीं. उसके बाद साल 1980 से लेकर 1984 में उनके सिख बॉडीगार्ड द्वारा हत्या किए जाने से पहले तक देश की प्रधानमंत्री बनी रहीं.




इन्दिरा की सबसे बड़ी कामयाबी


इन्दिरा गांधी साल 1917 में एक ऐसे परिवार में पैदा हुई, जिसके सदस्य आजादी की लड़ाई के संग्राम में सक्रिय सदस्य थे. इन्दिरा अपने पिता नेहरू के बेहद करीब थी और नेहरू की छत्रछाया में इंदिरा मे बचपन से ही देशप्रेम और जिम्मेदारी की भावना मौजूद थी. नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री कैबिनेट में इंदिरा ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. 1966 में पीएम बनने के बाद भारत की एक मजबूत और सशक्त नेता साबित हुईं. उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने दुनिया के सामने कई बड़े कारनामे किए.


1971 जंग के लिए सबसे याद किया जाता है


एक तरफ तरफ भारत ने 1974 में ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा के जरिए पोखरण परीक्षण कर देश को परमाणु संपन्न देशों की सूची में लाकर खड़ा किया वहीं 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके बैंकों को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया. लेकिन, इंदिरा की सबसे ज्यादा याद किया जाता है 1971 की जंग को लेकर.  अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कूटनीतिक ढ़ंग से पेश आकर उन्होंने भारत में आने वाली बांग्लादेश से आना वाली शरणार्थी समस्याओं को खत्म किया. इसके साथ ही, रणनीतिक तरीके से पाकिस्तान के कायराना हरकतों से निपटने का भी इंतजाम किया.




इंदिरा ने दुनिया को उस वक्त अपनी ताकत दिखाई जब 1971 के युद्ध में जीत हासिल की बल्कि बांग्लादेश को भी आजाद कराया और पश्चिम पाकिस्तान के भीतर कई क्षेत्रों तक पहुंचने में कामयाब रहा. अमेरिका द्वारा अपना सातवां जहाजी बेड़ा भेजने की सूचना मिलने से लेकर पाकिस्तान द्वारा हथियारों सहित आत्मसमर्पण इंदिरा का संबोधन आज भी याद किया जाता है. इंदिरा ने अपने भाषण के दौरान यह कहा था कि हिन्दुस्तान किसी से नहीं डरता है, चाहे वह सातवां बेड़ा हो या फिर सत्तरवां. 


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