Jharkhand News: झारखंड विधानसभा में नमाज़ पढ़ने के लिए अलग से कमरा आवंटित करने के विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो के आदेश पर विवाद हो गया है. बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी ने इस फैसले को गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर को सिर्फ लोकतंत्र का मंदिर रहने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ हैं. बाबूलाल ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई फैसला नहीं होना चाहिए.


शुक्रवार को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष की ओर से नमाज़ के लिए कमरा आवंटित करने का आदेश जारी किया गया. आदेश में कहा गया, "नए विधानसभा भवन में नमाज़ अदा करने के लिए नमाज़ कक्ष के रूप में कमरा संख्या टी डब्ल्यू 348 आवंटित किया जाता है."


स्पीकर ने क्या कहा
गौरतलब है कि शुक्रवार को झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ है. लेकिन इस फैसले के बाद विवाद शुरू हो गया है. स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने पूरे विवाद पर कहा, "शुक्रवार के दिन नमाज़ी नमाज़ अदा करते हैं. नमाज़ अदा करने के लिए सभी लोग जुटते हैं. उसके लिए एक निर्दिष्ट स्थान की ज़रूरत होती है. इसलिए उन लोगों के लिए स्थान दिया है. ये कोई मैंने नहीं दिया है. हमारे पुराने विधानसभा में भी नमाज़ अदा करने के लिए एक विशेष स्थान आवंटित था."


उन्होंने कहा, "लोगों ने कहा कि शुक्रवार को कम समय में नमाज़ अदा करने के लिए, हमको बहुत दूर जाना पड़ता है. तो एक जगह हम लोगों को (दे दिया जाए), इसलिए उचित जगह में, जहां खाली है, उस जगह में नमाज़ पढ़िए आप लोग कोई दिक्कत नहीं है." 


बीजेपी ने की मंदिर बनाने की मांग
इस मामले पर बीजेपी नेता सीपी सिंह ने कहा, "मैं नमाज़ के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन फिर झारखंड विधानसभा के परिसर में उन्हें एक मंदिर भी बनाना चाहिए. मैं मांग करता हूं कि वहां हनुमान मंदिर बनाया जाए. अगर स्पीकर इसकी मंज़ूरी देते हैं तो हम अपनी लागत से मंदिर का निर्माण करेंगे."


कांग्रेस ने किया पलटवार
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, "झारखंड विधानसभा में माता सरस्वती की मूर्ति भी है. भारतीय जनता पार्टी के जो भी माननीय विधायक हैं, वो जाएं और सरस्वती माता की पूजा भी करें. झारखंड विधानसभा में दुर्गा पूजा का पंडाल भी लगता है. झारखंड विधानसभा में विस्वकर्मा पूजा भी मनाई जाती है."



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