लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार (24 सितंबर 2025) हिंसक प्रदर्शन हुआ. गुस्साई भीड़ ने CRPF की गाड़ी, पुलिस वैन और कई अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया. गृह मंत्रालय ने कहा कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के भड़काऊ बयानों ने भीड़ को उकसाया है. सोनम वांगचुक ने इसे बलि का बकरा बनाने की रणनीति बताया.

Continues below advertisement

सोनम वांगचुक गिरफ्तारी के लिए तैयार

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने गुरुवार (25 सितंबर 2025) को कहा कि उनका जेल में रहना सरकार के लिए ज्यादा समस्याएं पैदा कर सकता है. गृह मंत्रालय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वांगचुक ने कहा कि वह कड़े पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं.

Continues below advertisement

उन्होंने बताया, ‘‘मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं ताकि मुझे पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें. मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती है. ये कहना कि यह (हिंसा) मेरे या कांग्रेस की ओर से भड़काई गई थी, समस्या के मूल से निपटने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है, और इससे कोई हल नहीं निकलेगा.’’

बलि का बकरा बनाना चाहते: वांगचुक 

वांगचुक ने कहा, ‘‘वे किसी को बलि का बकरा बनाने के लिए चालाक हो सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं. इस समय, हम सभी को चतुराई की बजाय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं.’’

जलवायु कार्यकर्ता ने हिंसा भड़कने के लिए लंबे समय से चली आ रही शिकायतों, खासकर क्षेत्र के युवाओं में व्याप्त हताशा को जिम्मेदार ठहराया और तर्क दिया कि असली वजह ‘‘छह साल की बेरोजगारी और हर स्तर पर अधूरे वादों की हताशा है.

उन्होंने सरकार पर नौकरी में आरक्षण पर सफलता का दावा करके जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य का दर्जा एवं लद्दाख के आदिवासी दर्जे और पर्यावरण की रक्षा के लिए छठी अनुसूची के विस्तार की मुख्य मांगों पर पांच साल की शांतिपूर्ण अपीलों के बाद भी गौर नहीं किया गया हैं.

'सरकार शांति के उपाय नहीं कर रही'

वांगचुक ने कहा कि बलि का बकरा बनाने की रणनीति अपनाकर सरकार वास्तव में शांति के उपाय नहीं कर रही है, बल्कि ऐसे कदम उठा रही है जो लोगों की मूल मांगों से ध्यान भटकाकर स्थिति को और बिगाड़ देंगे.

अधिकारियों के मुताबिक, वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख राज्य का आंदोलन बुधवार को लेह में हिंसा, आगजनी और हिंसा में बदल गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 40 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 80 लोग घायल हो गए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार रात एक बयान में आरोप लगाया था कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और राजनीति से प्रेरित कुछ ऐसे लोग, जो सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं हैं.

ये भी पढ़ें : भारत के खिलाफ PAK का 'जिहाद-ए-अक्सा', जैश-हिजबुल के बाद अब लश्कर ने अफगान सीमा पर बनाया नया ट्रेनिंग कैंप