Modi Govt 9 Years: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के मद्देनजर जनता तक उपलब्धियां पहुंचाने के दौरान प्रियंका गांधी की तस्वीर छपी टीशर्ट पहने हुए एक शख्स से मुलाकात की और राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से तंज कसा. 


केंद्रीय महिला-बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री ईरानी ने शख्स के साथ मुलाकात की फोटो शुक्रवार (9 जून) को ट्वीट कर राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दुकान' वाले चर्चित नारे पर तंज कसा. अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी ने तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ''ये है मोहब्बत… जब काम उनसे न बने और हम तक पहुंचे क्योंकि वे भी जानते हैं कि हमने की है 9 वर्ष सेवा.''






तस्वीर पर यूजर्स ने उठाए सवाल तो स्मृति ईरानी दिए ये जवाब


तस्वीर में एक बुजुर्ग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की तस्वीर वाली टीशर्ट पहनी हुई है. तस्वीर में स्मृति ईरानी हंसते हुए नजर आ रही हैं. उन्होंने अलग एंगल से ली गई बुजुर्ग के साथ वाली तस्वीर का इस्तेमाल यूजर्स के कमेंट का जवाब देने के लिए भी किया है. एक कमेंट में केंद्रीय मंत्री ने लिखा, ''मजाक हम दोनों कर रहे थे.. अंदाजा लगाइये किस पर हंस रहे थे?''   


बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के ट्वीट पर कई यूजर्स उन्हें ट्रोल भी करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने फिर से तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ''हम दोनों साथ हंस रहे थे, आपने बिना तथ्य जाने आरोप लगाया, इसीलिए उनका चित्र साझा कर रही हूं. उन्हें भी एहसास है कौन जमीन पर काम करता है.''


एक और यूजर का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा, ''हम दोनों हंस रहे थे भाईसाहब.. क्या कहा गया खानदान के बारे में, अगर मैंने बोल दिया तो कुछ लोग मुंह नहीं छुपा पाएंगे!''


स्मृति ईरानी बोलीं- 'यह कैसी मोहब्बत है जो...'


इससे पहले गुरुवार (8 जून) को भी केंद्रीय मंत्री ईरानी ने राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान वाले नारे पर तंज कसा था. उन्होंने सवाल किया था, ''यह कैसी मोहब्बत है जो सिखों का नरसंहार करे, कोयला और चारा लूटने वालों के साथ हाथ मिलाए, जो संसद में स्थापित सैंगोल का अपमान करें, संसद का बहिष्कार करें?''


बता दें कि राहुल गांधी कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं' वाला नारा लेकर आए थे. यात्रा के 100 दिन पूरे होने के मौके पर पिछले वर्ष राजस्थान के अलवर में एक जनसंभा को संबोधित करते हुए राहुल ने इस नारे का इस्तेमाल किया था. उसके बाद से वह अक्सर इसे दोहराते हुए देखे जाते हैं. हाल में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी ने प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में इस नारे का इस्तेमाल किया था.


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