Khalistan Favour Slogans in Jalandhar on Satureday: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab CM Bhagwant Mann) रविवार को जालंधर (Jalandhar) का दौरा करने वाले हैं. उनके दौरे से एक दिन पहले शनिवार को जालंधर में आतंकी संगठन 'खालिस्तान' (Khalistan) के समर्थन में नारे लगाए गए.  वहीं सीएम भगवंत मान सिंह (Punjab CM Bhagwant Mann) और पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (Beant Singh) के पोस्टरों पर नारे भी लिखे गए, जो 31 अगस्त 1995 में चंडीगढ़ (Chandigarh) के सिविल सचिवालय के बाहर बम विस्फोट में शहीद हुए थे. इस मामले में अभी और जानकारी की तलाश की जा रही है.


इसके पहले 6 जुलाई को करनाल पुलिस ने पटियाला के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. इस व्यक्ति पर 20 जून को दो शैक्षणिक संस्थानों की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थक नारे लिखने का आरोप था. गिरफ्तार किए गए शख्स की पहचान मंजीत के रूप में हुई थी. मनजीत ने बताया कि उसे इस काम के लिए एक शख्स ने 1,000 अमरीकी डालर का भुगतान करने का वादा किया था, जो कि यूएस से संबंधित था. इसके बाद मंजीत को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे आगे की जांच के लिए 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.


हिमाचल में भी हुई थी ऐसी घटना
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया, 'इस तरह की एक अन्य घटना में मई में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर में हुई थी, जहां खालिस्तानी झंडे लगाने और दीवारों पर नारे लिखने के आरोप में पंजाब के एक और निवासी को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में रूप नगर के एसएसपी डॉक्टर संदीप गर्ग ने बताया था, "पुलिस ने उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है जो मोरिंडा का रहने वाला था क्योंकि उसने कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक झंडे लगाए थे और धर्मशाला में हिमाचल विधानसभा की दीवार पर नारे लिखे थे."


आरोपी को गिरफ्तार कर हिमाचल पुलिस को सौंपा गया
संदीप गर्ग (Sandeep Garg) ने आगे बताया कि मोरिंडा (Morinda) के इस व्यक्ति ने 13 अप्रैल को पंजाब के रोपड़ (Punjabs Roapr) में मिनी सचिवालय परिसर (Mini Secretariat Complex) के बाहर अपने साथी के साथ खालिस्तान का बैनर (Khalistan Banner) लगाने की बात को स्वीकार किया था. बाद में आरोपी को हिमाचल पुलिस (Himachal Police) को सौंप दिया गया था. वहीं 8 मई को विधानसभा के मुख्यद्वार और दीवारों पर 'खालिस्तान' के झंडे भी बंधे पाए गए थे. पुलिस ने आईपीसी की धारा 153-ए और 153-बी, एचपी ओपन प्लेसेस (डिफिगरेशन की रोकथाम) अधिनियम, 1985 की धारा 3 और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 13 के तहत धर्मशाला पुलिस स्टेशन (Police) में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थी.


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