चुनाव आयोग ने गुजरात और तमिलनाडु में वोटर लिस्ट के SIR के लिस्ट जारी कर दिए हैं. इनमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सबसे अधिक वोट तमिलनाडु और उसके बाद गुजरात में कटे हैं. आयोग ने अब तक बिहार, बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप के आंकडे़ जारी किए हैं.

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तमिलनाडु में पहले 6 करोड़ 41 लाख 14 हजार 587 वोटर्स थे. अब 5 करोड़ 43 लाख 76 हजार 755 वोटर्स हैं. यानि 97,37,832 वोट कटे हैं. फीसदी में देखें तो 15.19% वोट कटे हैं.

वहीं गुजरात की बात की जाए तो यहां पहले 5 करोड़ 08 लाख, 43 हजार 436 वोटर्स थे. अब एसआईआर ड्राफ्ट के मुताबिक 4 करोड़ 34 लाख 70 हजार 109 वोटर्स हैं. 73 लाख 73 हजार 327 वोट कटे हैं. यानि लगभग 14.50% वोट कटे हैं.

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बंगाल में SIR से पहले 7 करोड़ 66 लाख,37 हजार 529 वोटर्स थे. वहीं अब 7 करोड़ 8 लाख 16 हजार 630 मतदाता हैं. यानि करीब 7.60 प्रतिशत वोटर्स के नाम हटाए गए हैं. चुनाव से पहले बिहार में हुए एसआईआर में 69 लाख मतदाताओं के नाम हटे थे. 

राजस्थान में कितने वोट हटे?

राजस्थान में पहले 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 वोटर्स थे. एसआईआर के बाद 5 करोड़ 4 लाख 71 हजार 396 वोटर्स हैं. यानि 41 लाख से अधिक वोट हटाए गए. प्रतिशत में देखें तो 7.66 फीसदी नाम लिस्ट से हटाए गए. 

लक्षद्वीप, पुडुचेरी और गोवा में कितने वोट हटाए गए?

लक्षद्वीप में पहले 57 हजार 813 वोटर्स थे. अब 56 हजार 384 वोटर्स हैं. यानि 1429 वोट (2.24 फीसदी) हटाए गए हैं. गोवा में पहले 11 लाख 85 हजार 34 वोटर्स थे. अब 10 लाख 84 हजार 992 वोटर्स हैं. यानि करीब एक लाख वोट (8.44 फीसदी) हटाए गए हैं. पुडुचेरी की बात करें तो यहां पहले 10 लाख 21 हजार 578 वोटर्स थे. अब 9 लाख 18 हजार 111 वोटर्स हैं. यानि एक लाख 3 हजार वोट (10.13 फीसदी) हटाए गए हैं.

चुनाव आयोग का कहना है कि एसआईआर का मकसद मतदाता सूची को ठीक करना है. कोई अवैध वोटर्स लिस्ट में नहीं हो और कोई वैध वोटर्स वोट देने से वंचित नहीं रहे. वहीं विपक्षी पार्टियां इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है और कहना है कि उनके वोटर्स के नाम हटाए जा रहे हैं.