रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार (2 अक्टूबर, 2025) को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ाकर युद्ध शुरू करना नहीं था. उन्होंने कहा कि खुशी है कि इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. राजनाथ सिंह ने भारत और पाकिस्तान के बीच चली 3-4 दिन की लड़ाई के पांच महीने बाद यह बयान दिया है.

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गुरुवार को दशहरा के मौके पर उन्होंने गुजरात के भुज में एक सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा की. इस दौरान सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही. राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने की असफल कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को बेनकाब कर दिया और दुनिया को संदेश दिया कि वह अपने प्रतिद्वंद्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने की असफल कोशिश की. अपनी जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारतीय सेनाएं जब चाहें और जहां चाहें, पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं.'

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राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत ने संयम बरता क्योंकि उसकी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी. उन्होंने कहा, 'इसे बढ़ाना और युद्ध छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का मकसद नहीं था.' 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की मध्यरात्रि को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया. इसके बाद दोनों देशों से 4 दिन तक एक-दूसरे पर हमले किए गए और 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ सीजफायर हुआ.

राजनाथ सिंह ने कहा कि 1965 की लड़ाई में भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन किया था. आज 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची जाने का एक रास्ता इसी सर क्रीक से होकर गुजरता है.