कांग्रेस पार्टी 24 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनाव के लिए निर्धारित चार राज्यसभा सीटों में से एक पर अपना दावा पेश कर सकती है. वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर गठबंधन सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के साथ चर्चा शुरू करने वाले हैं.

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कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पुष्टि की है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राज्यसभा चुनाव में पार्टी के लिए एक सीट मांग सकते हैं. उन्होंने कहा, "वह औपचारिक रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे." उन्होंने आगे कहा कि सिंह इस मुद्दे पर एनसी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला या मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात कर सकते हैं.

दिग्विजय सिंह को सौंपी गई जिम्मेदारी

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इस साल अप्रैल में कांग्रेस आलाकमान ने दिग्विजय सिंह को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन साझेदारी के कामकाज की निगरानी और उससे संबंधित चर्चाओं में शामिल होने का जिम्मा सौंपा था. सूत्रों ने बताया कि सिंह को इन मामलों पर जम्मू-कश्मीर प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा के साथ मिलकर काम करने का भी निर्देश दिया गया है. आगामी राज्यसभा चुनावों में, एनसी-कांग्रेस गठबंधन चार में से तीन सीटें आसानी से जीत सकता है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शेष सीटें जीतने की मजबूत स्थिति में है. वर्तमान सदन में, सत्तारूढ़ गठबंधन के 53 सदस्य हैं, जबकि भाजपा के 28 सदस्य हैं. गैर-भाजपा विपक्षी गुट में सात विधायक शामिल हैं - पीडीपी के तीन, पीसी और आप के एक-एक और दो निर्दलीय.

जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर प्रभाव

राज्यसभा चुनाव केवल चार सीटों का मामला नहीं है, बल्कि इससे आने वाले दिनों की राजनीति भी तय होगी. यदि कांग्रेस और एनसी का गठबंधन मजबूत रहता है तो यह केंद्र की राजनीति पर भी असर डालेगा. कांग्रेस के लिए यह मौका है कि वह जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अपनी भूमिका को दोबारा मजबूत कर सके. भाजपा चाहेगी कि इस चुनाव में अपनी जीत के जरिए वह जम्मू-कश्मीर में अपने समर्थन आधार को और मजबूत करे.

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