चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद मंगलवार (16 दिसंबर) को पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, लक्षद्वीप और पुडुचेरी का मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी किया. इसमें दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं. पांचों राज्यों के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक करोड़ से अधिक नाम हटाए गए हैं.
पांच राज्यों में अब 12 करोड़ 33 लाख 47 हजार 513 वोटर्स हैं. पहले इसकी संख्या13 करोड़, 35 लाख, 58 हजार 169 थी. एक करोड़ 21 लाख 656 वोटर्स के नाम हटाए गए हैं, यानि 7.64 प्रतिशत वोटर्स के नाम हटाए गए हैं.
पश्चिम बंगाल
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सबसे अधिक चर्चा वाले राज्य पश्चिम बंगाल में करीब 58 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं. इसके बाद राज्य के मतदाताओं की संख्या 7.66 करोड़ से घटकर 7.08 करोड़ हो गई.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 7 करोड़ 66 लाख,37 हजार 529 मतदाताओं में से 7 करोड़ 8 लाख 16 हजार 630 मतदाताओं ने अपने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए हैं. प्रतिशत में देखें तो 7.60 प्रतिशत वोटर्स के नाम हटाए गए हैं.
जिन 58 लाख मतदाताओं के नाम हटे हैं उनमें 24.16 लाख मतदाताओं की मौत हो चुकी है. वहीं 32.65 लाख मतदाता या तो शिफ्ट हुए हैं या फिर अनुपस्थित रहे. वहीं 1.38 लाख मतदाताओं का नाम दो जगहों पर था.
बंगाल में चुनाव से पहले एसआईआर का ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट समेत कई पार्टियां विरोध कर रही है. मंगलवार को ही दानकुनी नगरपालिका के वार्ड नंबर 18 से TMC पार्षद सूर्य डे ने दावा किया है कि उनके नाम को मृत मतदाताओं की सूची में डाल दिया गया है. टीएमसी पार्षद ने खुद को 'मृत' घोषित किए जाने के विरोध में श्मशान पहुंचकर प्रदर्शन किया. उन्होंने बूथ लेवल अधिकारी के पास एन्यूमरेशन फॉर्म भी जमा किया था और आवश्यक दस्तावेज भी दिए थे.
सबसे अधिक वोट कोलकाता उत्तर जिले में 390390 यानि 25.92 फिसदी वोट हटाए गए हैं. वहीं सबसे कम वोट पूर्वी मिदनापुर में 141936 यानि 3.31 फीसदी वोट हटाए गए हैं.
बिहार
दिलचस्प है कि बिहार चुनाव से पहले हुए एसआईआर में 69 लाख मतदाताओं के नाम हटे थे. इनमें करीब 22 लाख लोगों की मौत हुई. वहीं 36 लाख मतदाता शिफ्ट हो गए या फिर अनुपस्थित थे. इसके बाद मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ हो गई. जून 2024 तक ये संख्या 7.90 करोड़ थी.
राजस्थान
वहीं राजस्थान में मतदाता सूची के एसआईआर के तहत लगभग 41 लाख 84 हजार 819 नाम सूची से हटा दिए गए हैं. अब यहां 5,04,71,396 वोटर्स हैं. जिन करीब 42 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनमें 8.75 लाख मतदाताओं की मौत हुई है. 29.6 लाख मतदाता या तो शिफ्ट हुए हैं या फिर अनुपस्थित थे. 3.44 लाख मतदाताओं का नाम कई जगहों पर था.
लक्षद्वीप में 56 हजार 384 वोटर्स के नाम सामने आए हैं. 1429 लोगों के नाम लिस्ट से बाहर हुए हैं. इनमें 705 लोगों की मौत हुई है. 252 मतदाता शिफ्ट हुए हैं या फिर अनुपस्थित रहे. 472 मतदाताओं के नाम कई जगहों पर पाया गया.
गोवा में 10 लाख 84 हजार 992 वोटर्स के नाम आए हैं. यहां करीब एक लाख 42 हजार मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. इनमें से 25 हजार 574 मतदाताओं की मौत हो चुकी है. 72 हजार 471 वोटर्स शिफ्ट हुए हैं या फिर अनुपस्थित रहे. 1997 वोटर्स का नाम कई जगहों पर था.
पुडुचेरी में अब 9,18,111 वोटर्स हैं. पहले इनकी संख्या 10,21,578 थी. SIR के तहत 1,03,467 हटे यानि 10.13%. इनमें से 2.04 फीसदी की मौत हुई है.
तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान एवं निकोबार द्वीप में एसआईआर की प्रक्रिया जारी है. जल्द ही इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के आंकड़े आएंगे. एसआईआर को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार सवाल उठा रही है. कांग्रेस ने वोट चोरी का नारा दिया है. चुनाव सुधार के मुद्दे पर पिछले दिनों लोकसभा और राज्यसभा में लंबी चर्चा हुई.
इस दौरान सरकार ने साफ किया कि एसआईआर पहले भी होता रहा है. चुनाव आयोग के कामकाज में हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं है. साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम घुसपैठियों को भारत में स्वीकार नहीं करेंगे. डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट की नीति पर काम कर रहे हैं.