Robot in Indian Army: भारतीय सेना (Indian Army) दुश्मनों की हरकतों पर नजर रखने के लिए टेक्नॉलोजी (Technology) का इस्तेमाल कर रही है. इसको लेकर सेना लगातार तकनीक का इस्तेमाल भी कर रही है. दरअसल तकनीक का इस्तेमाल करने के पीछे सेना का मकसद है कि भारतीय जवानों (Indian Soldiers) की जान को कम खतरा रहे. इस दिशा में सेना लगातार कदम बढ़ा रही है और इसी के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा (Pakistan Border) पर साइलेंट संतरियों (Silent Santari) को तैनात किया है जो चुपचाप बॉर्डर की निगरानी करेंगे. इतना ही नहीं इनकी नजर से दुश्मन का बचना आसान नहीं  होगा.


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक भारतीय सेना का डिजाइन ब्यूरो खुद कई नई तकनीक पर काम कर रहा है. डिजाइन ब्यूरो ने एक रोबोट तैयार किया है जो बॉर्डर पर पेट्रोलिंग कर सकता है. इसे 'साइलेंट संतरी' का नाम दिया गया है जो दिन रात किसी भी मौसम में निगरानी रखता है. सूत्रों के मुताबिक, इसे फिलहाल जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किया गया है. आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने इसका डिजाइन देसी उद्योग के साथ भी शेयर किया है ताकि बड़ी संख्या में इसका प्रॉडक्शन किया जा सके.


लगातार 6 घंटे पेट्रोलिंग करने की क्षमता


इस रोबोट की लगातार 6 घंटे पेट्रोलिंग करने की क्षमता है और इतना ही नहीं बैटरी डाउन होने पर ये खुद ही चार्जिंग प्वाइंट तक पहुंच जाता है और खुद को चार्ज करके फिर से पेट्रोलिंग करने लगता है. एक रोबोट अगर चार्जिंग पर गया तो दूसरा रोबोट उसकी एरिया की निगरानी कर लेता है. इस रोबोट को मेजर पारस कंवर ने तैयार किया है और इसे साइलेंट संतरी नाम दिया है. यह अपने डेटाबेस से चेहरे की पहचान करता है और कोई अनजान दिखने पर अलर्ट भेज देता है. यह वायरलेस से 5 से 10 किलोमीटर दूर बेस में डेटा भेज सकता है. यह थ्री डी प्रिटेंड रोबोट है. 5-6 रोबोट की एक पूरी फैमिली है. यह रेल माउंटेड रोबोट है, इसे लाइन ऑफ कंट्रोल की या इंटरनैशनल बॉर्डर की तारबाड़ी या वॉल पर आराम से लगाया जा सकता है.


भारतीय सेना के लिए बना मानव रहित वाहन


भारत फोर्ज-कल्याणी ने भारतीय सेना (Indian Army) के लिए मानवरहित वाहन  बनाया है. इसका कई जगह ट्रायल (Trial) हो चुका है और अगले महीने लेह और रेगिस्तान में सेना इसका ट्रायल करवाने जा रही है. भारतीय सेना ने जब जापान (Japan) की सेल्फ डिफेंस फोर्स के साथ धर्मा गार्डियन एक्सरसाइज की उस अभ्यास में भी इस अनमैंड व्हीकल का लाइव (Live) इस्तेमाल देखा गया. यह अनमैंड इलैक्ट्रिक व्हिकल (Electric Vehicle) 4 से 6 घंटे तक और डीजी मोटर के साथ 12 से 15 घंटे तक चल सकता है. इसका इस्तेमाल भी निगरानी के लिए किया जा सकता है. इसमें कैमरे लगे हैं जो दिन रात काम कर सकते हैं.


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