Karnataka Siddaramaiah Government: कर्नाटक में भले ही सत्ता पर‍िवर्तन हो गया हो लेक‍िन भ्रष्‍टाचार के आरोप जारी हैं. प‍िछले कर्नाटक व‍िधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और 40% कमीशन वाली सरकार बताया था. लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अब कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं, जो कॉन्‍ट्रेक्‍टर एसोस‍िएशन ने लगाए हैं.  


कॉन्‍ट्रेक्‍टर्स एसोस‍िएशन के एक संगठन का आरोप है क‍ि पहले बसवराज बोम्‍मई के अगुवाई वाली बीजेपी सरकार में पब्ल‍िक प्रोजेक्‍ट के कॉन्‍ट्रेक्‍ट हा‍स‍िल करने के ल‍िए नेताओं को 40% कमीशन देना पड़ता था लेक‍िन अब इसका तरीका कुछ बदल गया है. प्रोजेक्‍ट कॉन्‍ट्रेक्‍ट पाने के ल‍िए कमीशन तो अभी भी इतना ही देना पड़ता है लेक‍िन अब राजनेताओं की बजाय ब्‍यूरोक्रेट्स को ये पैसा देना पड़ता है. इस तरह के आरोपों के बाद अब कर्नाटक की राजनीत‍ि एक बार फ‍िर गरमा गयी है. इसको लेकर कहा जा रहा है क‍ि कर्नाटक में भ्रष्टाचार का जूता अब दूसरे पैर में चला गया है. 


स‍िद्धारमैया सरकार को घेरने में जुटी बीजेपी  


इन आरोपों को लेकर बीजेपी पूरी तरह से कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गयी है. इन आरोपों के चलते सत्ता से बाहर हुई बीजेपी अब कांग्रेस की स‍िद्धारमैया सरकार को घेरने में जुट गई है. बीजेपी के हमलों के बीच मुख्‍यमंत्री स‍िद्धारमैया ने ठेकेदारों के संगठन से कहा है क‍ि वो इस मामले में सबूत पेश करें. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक स्‍टेट कॉन्‍ट्रेक्‍टर्स एसोस‍िएशन के अध्यक्ष डी केम्पन्ना से कहा कि यदि उनके पास भ्रष्टाचार साबित करने को लेकर कोई दस्‍तावेज या सबूत आद‍ि हैं तो वो न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग से संपर्क करें.  


कांग्रेस ने क‍िया था जस्टिस नागामोहन दास आयोग का गठन  


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीएम सिद्धारमैया का कहना है क‍ि पिछली (बीजेपी) सरकार '40% कमीशन' पर चलती थी ज‍िसकी जांच के लिए जस्टिस नागामोहन दास आयोग का गठन किया गया. उन्‍होंने कहा क‍ि अगर उनके पास इससे जुड़े क‍िसी प्रकार के डॉक्‍यूमेंट हैं तो उनको आयोग के साथ साझा करने चाह‍िए.  


व‍िधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बनाया था भ्रष्‍टाचार को बड़ा चुनावी मुद्दा  


दरअसल, पिछली बीजेपी सरकार में भी कॉन्‍ट्रेक्‍टर्स एसोस‍िएशन के अध्यक्ष डी केम्पन्ना की ओर से ही सरकार पर '40% कमीशन' के आरोप लगाए थे ज‍िसको कांग्रेस ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था. बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले डी केम्पन्ना का आरोप है क‍ि मुझे नहीं लगता कि भ्रष्टाचार कम हुआ है. राजनेताओं की जगह अब अध‍िकारी जेबें भरने में लगे हैं.  


लोकल कॉन्‍ट्रेक्‍टर्स को नजरअंदाज कर रहे ब्‍यूरोक्रेट्स


एसोसिएशन के अन्य सदस्यों का भी आरोप है क‍ि जब तक घूस नहीं दी जाती तब तक अफसरों की ओर से वर्क ऑर्डर जारी नहीं क‍िए जाते हैं या राशि जारी नहीं की जाती है. उन्‍होंने आरोप लगाते हुए यह भी दावा क‍िया क‍ि लोकल कॉन्‍ट्रेक्‍टर्स को नजरअंदाज करके अफसरों की करीबी एजेंस‍ियों के साथ 'पैकेज डील' की जाती हैं. 


गौरतलब है क‍ि पिछले साल मई में कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे ज‍िसमें कांग्रेस पार्टी को 135 सीटों पर जीत हास‍िल हुई थी. कांग्रेस को इस चुनावी मुद्दे को भुनाने का पूरा फायदा हुआ था. वहीं, अब जब लोकसभा चुनावों में कुछ ही हफ्तों का वक्‍त बचा है तो कांग्रेस सरकार पर भी पूर्व की सरकार की भांत‍ि गंभीर आरोप लग रहे हैं.  


उधर, बीजेपी व‍िधायक सीएन अश्वथ नारायण ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी सरकार पर झूठे आरोप लगाए थे. असली भ्रष्टाचार तो अब कांग्रेस सरकार में हो रहा है. उन्‍होंने आरोप लगाया क‍ि यह वही ठेकेदार हैं जो क‍ि कांग्रेस सरकार के साथ मिले हुए हैं. 


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