Militant Funding Case: राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने शनिवार (26 नवंबर) को हुर्रियत नेता (Hurriyat leader) प्रोफेसर अब्दुल गनी भट (Prof Gani Bhat) से आतंकवाद और हवाला फंडिंग (Militant Funding Case) से जुड़े एक मामले (Case) में जेआईसी जम्मू (JIC Jammu) में जांच एजेंसी (Probing Agency) की तरफ से समन (Summoned) किए जाने के बाद लगभग 8 घंटे तक पूछताछ (Inquiry) की. 


समाचार एजेंसी के हवाले से एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भट को उग्रवादी और हवाला फंडिंग के एक मामले से संबंधित समन भेजा गया था, जिसमें पूर्व मंत्री जतेंदर सिंह उर्फ ​​बाबू सिंह को पहले गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि एजेंसी की तरफ से आज (26 नवंबर) समन किए जाने के बाद हुर्रियत नेता प्रोफेसर अब्दुल गनी भट से जेआईसी जम्मू में करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई. 


जांच एजेंसी को मिली अहम जानकारी


अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान भट ने घाटी में कई हुर्रियत नेताओं की तरफ से बॉर्डर पार से मिले फंड के संबंध में कई तथ्य उजागर किए. दरअसल, जांच एजेंसी के पास हुर्रियत नेता के आतंकवाद और हवाला फंडिंग से जुड़े होने के सबूत थे, जिसके बाद जांच एजेंसी ने समन जारी कर पूछताछ शुरू की. वहीं, हुर्रियत नेता प्रोफेसर अब्दुल गनी भट से राज्य जांच एजेंसी (SIA) को कई अहम तथ्य का पता चला.


कौन है अब्दुल गनी भट, जानिए


हुर्रियत नेता (Hurriyat leader) प्रोफेसर अब्दुल गनी भट (Prof Abdul Gani Bhat) जम्मू-कश्मीर मुस्लिम कांफ्रेंस (Jammu and Kashmir Muslim Conference) के प्रमुख हैं और पूर्व में वह हुर्रियत कांफ्रेंस (Hurriyat Conference) के भी प्रमुख रह चुके हैं. उत्तरी कश्मीर (North Kashmir) के सोपोर (Sopore) के बोटेंगो गांव में जन्मे अब्दुल गनी भट ने श्रीनगर के श्री प्रताप कॉलेज में फारसी, अर्थशास्त्र और पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की और फिर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में फारसी और कानून में पोस्ट ग्रेजुएशन किया.


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