नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस पिछले साल दिसंबर में किसान आंदोलन के समर्थन में कैंपस में प्रदर्शन करने के दौरान कोविड -19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए जारी किया है. 


जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष ने ट्विटर पर इसकी जानकारी शेयर करते हुए कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में पिछले साल 5 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के लिए नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने ट्वीट किया, ''यह बात साफ तौर पर कही जा सकती है कि समाज में हमारे आसपास हो रहे किसी भी अन्याय के खिलाफ हम आवाज उठाते रहेंगे और किसानों के समर्थन में बोलते रहेंगे."  



एक हफ्ते में मिले चार मिले नोटिस  
जेएनयू प्रॉक्टर के ऑफिस की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, घोष को विश्वविद्यालय और भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कोविड -19 नियमों का उल्लंघन करते हुए  पाया गया था. घोष को 24 जून तक नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.


एक हफ्ते से भी कम समय में घोष को प्रॉक्टर के ऑफिस द्वारा कम से कम चार कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. पिछले हफ्ते उनको 2018 में एक विरोध प्रदर्शन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और इसे अनुशासनहीनता और मिसकंड्क्ट का कार्य कहा गया था. 


सभी नोटिस का देंगी जवाब - घोष
जेएनयूएसयू अध्यक्ष घोष ने कहा कि उन्हें एबीवीपी के "पुतला जलाने" के लिए भी एक नोटिस जारी किया गया है और चौथा नोटिस इस साल की शुरुआत में कोरोना महामारी में बंद की गई लाइब्रेरी को फिर से खोलने की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए जारी किया गया है. घोष ने कहा कि वह इन सभी नोटिस का जवाब देंगी.


यह भी पढ़ें


Milkha Singh Death: फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का 91 साल की उम्र में कोरोना से निधन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक


पीएम मोदी इस महीने के आखिरी तक जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ कर सकते हैं बैठक