जम्मू l पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को दिल्ली में जम्मू कश्मीर के सियासी भविष्य को सहायक करने के लिए विभिन्न राजनीतिक संगठनों से बात कर रहे हैं. लेकिन, इस बातचीत से ठीक पहले जम्मू से यह मांग उठ रही है कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को बैठक में ना बुलाकर तिहाड़ जेल भेजा जाना चाहिए. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जम्मू कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों से बैठक कर प्रदेश के सियासी भविष्य पर बात करेंगे. इस बातचीत में शामिल होने के लिए जम्मू से नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, बीजेपी से डॉ निर्मल सिंह, कवीन्द्र गुप्ता और रविंद्र रैना जबकि कश्मीर में से अल्ताफ बुखारी और सज्जाद लोन जैसे कई नेता पहुंचे हैं. लेकिन इस बैठक के शुरू होने से पहले ही जम्मू में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है.
 
महबूबा को तिहाड़ जेल में भेजने की मांग को लेकर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जब-जब पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिए हैं उसका नतीजा कश्मीर की सड़कों पर लहू (खून) बिखेरकर हुआ है. उन्होंने कहा कि हाल ही में जो पाकिस्तान के समर्थन में महबूबा ने बयान दिया उसके बाद कश्मीर में न केवल एक सीआईडी के इंस्पेक्टर को मौत के घाट उतारा गया बल्कि एक मोबाइल की दुकान चलाने वाले आम नागरिक को भी आतंकियों ने मौत के घाट उतारा.
 
शिवसेना ने लगाए गंभीर आरोप
 
शिवसेना ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के समर्थन वाले इन बयानों के चलते कश्मीर में धीरे-धीरे लौट रहा अमन बिगड़ रहा है. उन्होंने कहा कि महबूबा के इन्हीं बयानों से आतंकवादियों को प्रोत्साहन मिलता है और वह कश्मीर की सड़कों पर खून बहाते हैं. शिवसेना ने मांग की की महबूबा को दिल्ली में बैठक के लिए नहीं बल्कि तिहाड़ जेल में बंद कर के लिए करने के लिए बुलाया जाना चाहिए. शिवसैनिकों ने मांग की थी अब महबूबा को दिल्ली दिल्ली से जम्मू कश्मीर नहीं आने दिया जाना चाहिए और उन्हें वहीं तिहाड़ जेल में बंद किया जाना चाहिए.