Hanuman Chalisa Controversy: हनुमान चालीसा विवाद में नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है, लेकिन शिवसेना ने एक बार फिर राणा दंपती पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए राणा दंपती के साथ ही बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा है. शिवसेना ने हनुमानी चालीसा के इस विवाद के पीछे बीजेपी के कुंठित दिमाग को जिम्मेदार ठहराया है.  


हनुमान चालीसा के लिए केंद्र स्तर के नेताओं का घर चुनना था 


लेख में कहा गया है कि, जो नवनीत राणा पहले श्रीराम का नाम लेने का विरोध करती थी, वही आज हनुमान चालीसा आदि मुद्दों को लेकर हिंदुत्व की बीन बजा रही और समस्त भाजपा नचनिए बच्चों की तरह उक्त महिला के इशारे पर नाचते हैं, इस पर हैरानी होती है. हनुमान चालीसा’ का पाठ राष्ट्रीय स्तर पर करना ही था, तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री का निवास स्थान, केंद्रीय गृहमंत्री के घर आदि जगहों को चुनना था.


इस खेल के पीछे बीजेपी का कुंठित दिमाग


इस लेख में कहा गया है कि महाराष्ट्र में हिंदुत्व जोर पर है, क्योंकि उद्धव ठाकरे ही राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं. ‘हनुमान चालीसा’ पर राज्य में कहीं किसी ने रोक नहीं लगाई है. फिर भी ‘मातोश्री’ पर जाकर ‘हनुमान चालीसा’ पाठ करने का हठ क्यों? इन सबके पीछे भाजपा का ही कुंठित दिमाग है.


फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर लड़ा चुनाव


शिवसेना ने नवनीत राणा पर इस लेख के जरिए कई आरोप भी लगाए हैं. इसमें कहा गया है कि ये राणा कौन हैं, इनमें इतना अहंकार, कहां से आया यह ‘ईडी’ जैसी एजेंसियों के लिए शोध का विषय है. नवनीत राणा ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर अमरावती से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की थी. इस जालसाजी पर मुंबई उच्च न्यायालय ने मुहर लगाई, परंतु मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाकर समय व्यतीत किया जा रहा है. भाजपा के लोग इस आपराधिक प्रवृत्ति का समर्थन कर रहे हैं. राम सत्यवचनी थे, हनुमान उन सत्यवचनी राम के भक्त थे. झूठ की बुनियाद पर खड़ी नवनीत राणा ‘हनुमान चालीसा’ की राजनीति कर रही हैं और पूरी भाजपा इस ढकोसले की नौटंकी पर ताली बजाकर नाच रही है.


भाजपा का ढोंग बेनकाब हुआ है


संपादकीय में आगे कहा गया है, बीजेपी ने फिलहाल हिंदुत्व के नाम पर जो हंगामा शुरू किया है, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता है. हिंदुत्व एक संस्कार एवं संस्कृति है, हंगामा नहीं है. अमरावती के राणा दंपति सांसद व विधायक हैं. वे कब किस पार्टी में होंगे और किसका झंडा कंधे पर उठाएंगे इसका कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है. इस महिला ने संसद में श्रीराम के नाम पर शपथ लेने वालों का विरोध किया था. आज वही ‘हनुमान चालीसा’ आदि मुद्दों को लेकर हिंदुत्व की बीन बजा रही है. राणा दंपति को आगे करके बीजेपी मुंबई का माहौल बिगाड़ने की योजना बना रही है. लेकिन इसके जरिए भाजपा का ढोंग न सिर्फ बेनकाब हुआ है, बल्कि नंगा ही हो गया है.


साफ दिखाई दी बीजेपी की बौखलाहट


संपादक ने आगे लिखा, राणा के झूठे जाति प्रमाणपत्र के खिलाफ मुंबई पुलिस ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है, इसलिए राणा दंपति का मुंबई पुलिस के खिलाफ हंगामा करना स्वाभाविक है. हिंदुत्व और श्रीराम का खुलकर विरोध करने वाले दंपति कांग्रेस-एनसीपी के ‘धर्मनिरपेक्ष’ समर्थन से चुने गए और अब भाजपा के झुंड में शामिल हो गए हैं. ऐसे बकरियों और भेड़ों की मदद से भाजपा को शिवसेना पर हमला करना है. राणा दंपति की गिरफ्तारी के बाद भाजपा की बौखलाहट साफ दिखाई दी. ऐसा लग रहा था मानो किसी रानी चेलम्मा,  झांसी की रानी के खिलाफ कार्रवाई की गई हो. ऐसे भाव से ये सभी लोग पुलिस थाने की ओर दौड़ पड़े और थाने की सीढ़ियों पर बैठकर छाती पीटने लगे.


केंद्र सरकार चला रही खास ऑफर


इस कॉलम के जरिए संपादक ने बीजेपी पर भी हमला किया और वह लिखते हैं, आईएनएस विक्रांत घोटाले के आरोपी किरीट सोमैया राणा दंपति से मिलने गए तो संतप्त लोगों ने उन पर चप्पल और पत्थर बरसाए. इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हुई है, ऐसा अगर भाजपा के लोग कह रहे हैं तो वे एक तरह से चोरों और लफंगों का समर्थन कर रहे हैं. असली मजा आगे है, आईएनएस विक्रांत मामले में पैसों की हेराफेरी करने वाले आरोपियों को केंद्र ने विशेष सुरक्षा कवच मुहैया कराया है. फर्जी जातिप्रमाण पत्र के द्वारा लोकसभा में पहुंची नवनीत कौर राणा को भी केंद्र ने अलग से सुरक्षा मुहैया कराई है. ऐसा लगता है कि बाजार में ऐसा ऑफर दिया गया है कि ‘ठाकरे सरकार के खिलाफ बोलो और केंद्र की सुरक्षा प्राप्त करो’. इससे कानून का राज धराशायी हो जाएगा!


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