मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के एक विधायक अपनी ही सरकार से नाराज दिखाई दिए और सरकार में शिवसेना की सहयोगी एनसीपी के नतोओं को खुलेआम आड़े हाथों लिया. ये विधायक हैं तानाजी सावंत जो कि राज्य की परांदा विधानसभा सीट से चुने गए हैं. जब से महाराष्ट्र में तीन पार्टियों की उद्धव सरकार बनी है, तब से तीनों ही पार्टियों के नेताओं की ओर से दिए गए बयानों की वजह से कोई न कोई विवाद खड़ा हो रहा है. ताजा विवाद शुरू हुआ है शिवसेना विधायक तानाजी सावंत के बयान से, जो कि पिछली देवेंद्र फडणवीस की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. सावंत ने ये कहकर बवाल खड़ा कर दिया कि मौजूदा सरकार के कई मंत्री मराठवाड़ा विरोधी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम महाराष्ट्र से आने वाले कई मंत्री मराठवाड़ा विरोधी हरकतें कर रहे हैं. उन्होंने राज्य की पिछली बीजेपी सरकार की तारीफ करते हुए कहा, " पिछली सरकार ने सूखे से ग्रस्त मराठवाड़ा में पानी सप्लाई करने के लिए उचित कदम उठाए थे." दरअसल तानाजी सावंत का निशाना एनसीपी के नेताओं पर था जो कि पश्चिम महाराष्ट्र से आते हैं. सावंत ने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर निशाना साधते हुए कहा, "वे मराठवाड़ा को जलआपूर्ति करने वाले वॉटर ग्रिड बंद करने की बात कर रहे हैं जो हम होने नहीं देंगे." बता दें तानाजी सावंत फडणवीस सरकार में जल संवर्धन मंत्री थे और मौजूदा सरकार में भी मंत्री पद मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनका नाम कट गया. सावंत के कटुवचनों के पीछे यही कारण माना जा रहा है. तानाजी सावंत के आरोपों पर एनसीपी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे पहले शिवसेना के संजय राउत और कांग्रेस के अशोक चव्हाण की ओर से दिए गए बयानों की वजह से विवाद हो चुका है. बयानों से उपजे ऐसे तमाम विवादों के बाद तीनों ही पार्टियों के आला नेताओं को आकर सफाई देनी पड़ती है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और महाराष्ट्र सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. ये भी पढ़ें योगी सरकार के मंत्री और विधायक होंगे हाईटेक, पेपरलेस होंगी कैबिनेट की बैठकें! कोरोना वायरस: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा- भारत में अब तक तीन मामले कंफर्म पाए गए, 21 एयरपोर्ट पर हो रही है निगरानी