नई दिल्ली : एबीपी न्यूज के 'शिखर सम्मेलन' में मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने का सर्टिफिकेट 'अटेस्ट' (सत्यापन) करने का नियम सरकार ने बदला. यह जनता के प्रति विश्वास का एक कदम था. सरकार, संवेदनशीलता से काम कर रही है. उन्होंने दावा किया कि हर विभाग में दलाली की परंपरा को खत्म कर दिया गया है.


तीन साल में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है


केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि तीन साल में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है. प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया कि सरकारें जब तीन साल चल जाती हैं तो 'एंटी इंकंबेंसी' आती है. लेकिन, मोदी सरकार के साथ उल्टा हो रहा है. समय के साथ जनता का विश्वास बढ़ रहा है और लगातार चुनावों में मिलने वाली जीत इसका उदाहरण है.


पांच गुणों के साथ नई शिक्षा नीति की तैयारी


मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति को लेकर तैयारी कर रही है. इस शिक्षा नीति का ध्येय होगा कि इसमें एक्सेसिबिलिटी (उपलब्धता), क्वालिटी (गुणवत्ता), इक्वीटी (समानता), अफोर्डबिलिटी (आर्थिक सक्षमता) और अकाउंटबिलिटी (उत्तरदायिता) हो. इससे देश विकास के मार्ग पर और तेजी से जाएगा.


जेएनयू को जो रैंकिंग मिली है वह वहां पर हुए शोधों की वजह से मिली है

एक सवाल के जवाब में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एक या दो यूनिवर्सिटी में ही कुछ आंदोलन होते हैं, उससे देश की तुलना नहीं की जा सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेएनयू को जो रैंकिंग मिली है वह वहां पर हुए शोधों की वजह से मिली है लेकिन इन सूचनाओं को सुर्खियां नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि जेएनयू को रैंकिंग इसलिए नहीं मिली है कि वहां 'अफजल' के लिए नारे लगे हैं.

शिक्षा विभाग के बारे में उन्होंने जानकारी दी


शिक्षा विभाग के बारे में उन्होंने जानकारी दी और कहा कि सरकार सबसे बड़ा काम 'आउटपुट' जांच का किया. इसके लिए टीचर्स की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधरी दिखेगी. साथ ही यह भी होगा कि प्राइवेट स्कूलों से बच्चे सरकारी स्कूल में आएंगे.


रोजगार का मतलब केवल सरकारी नौकरी नहीं है : जावडेकर


नई शिक्षा नीति को लेकर भी प्रकाश जावडेकर ने संभावना जताई. उन्होंने कहा कि 26 करोड़ छात्र देश में स्कूली शिक्षा ले रहे हैं. जबकि तीन करोड़ छात्र उच्च शिक्षा ले रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि रोजगार का मतलब केवल सरकारी नौकरी नहीं है.  साथ ही उन्होंने नए आईआईएम और आईआईटी खोलने के निर्णय को सही बताया.