Senthil Balaji Resigned as a Minister: मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी के 8 महीने बाद वी सेंथिल बालाजी ने सोमवार को तमिलनाडु कैबिनेट में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. बालाजी ने अपनी इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के एक अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि, "उनका इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया जाएगा."


यह घटनाक्रम मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से 14 फरवरी को बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से दो दिन पहले आया है. सेंथिल बालाजी जमानत के लिए पहले शहर की एक ट्रायल कोर्ट में गए थे, जहां से उनकी याचिका खारिज कर दी गई. अब उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया है. वर्तमान में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश इसकी सुनवाई कर रहे हैं, जिन्होंने हाल ही में उनके डीएमके कैबिनेट में बने रहने की आलोचना की थी.


14 जून 2023 को ईडी ने किया था अरेस्ट


ईडी ने बालाजी को 14 जून 2023 को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत 2014 के एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया था. जिस वक्त उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब वह एआईएडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री थे. गिरफ्तारी के बाद उन्हें सीने में दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में एक निजी अस्पताल में उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी. उन्हें 17 जुलाई 2023 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. तब से वह पुझल केंद्रीय जेल में बंद हैं.


राज्यपाल ने किया बर्खास्त तो विरोध में उतरे थे सीएम!


मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इतना कुछ होने के बाद भी बालाजी का समर्थन करना जारी रखा था. राज्यपाल आरएन रवि ने उन्हें जून 2023 में मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था, लेकिन कुछ घंटों बाद ही फैसले को स्थगित कर दिया गया. सत्तारूढ़ द्रमुक ने राज्यपाल के इस फैसले की आलोचना की थी. पार्टी का कहना था कि उन्हें अभी अयोग्य ठहराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें दोषी नहीं पाया गया है.


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