Brahmos Missile Test: डीआरडीओ ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के समुद्री-वेरिएंट का सफल परीक्षण किया. समंदर से समंदर में मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम से किया गया.


भारतीय नौसेना के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइल का ये बढ़ी हुई रेंज में टेस्ट किया गया है. ऐसे में देश के प्राइम स्ट्राइक वेपन का परीक्षण तो हुआ ही साथ ही हाल ही में नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल किए गए स्वदेशी मिसाइल डेस्ट्रोयर (युद्धपोत) आईएनएस विशाखापट्टनम की ताकत को भी परखने का मौका मिला. परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल ने टारगेट-शिप पर एकदम सटीक निशाना लगाया. इससे 'विशाखापट्टनम' की कॉम्बेट-क्षमता और आर्मामेंट-कॉम्प्लेक्स को भी परखा गया. नौसेना के मुताबिक, इस मिसाइल परीक्षण से देश को एक नई क्षमता हासिल हुई है.


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भारतीय नौसेना के मुताबिक, ये दिन देश के लिए ऐतिहासिक है और इससे नेवी को 'शॉट इन द आर्म' हासिल हुआ है. ये देश के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रभावी कदम है.






डीआरडीओ के मुताबिक, मंगलवार को ही स्वदेशी मैन पोर्टबैल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपी-एटीजीएम) का भी सफल परीक्षण किया गया. डीआरडीओ के मुताबिक, ये एमपी-एटीजीएम का फाइनल डिलीवरेबल कांफिग्रेशन टेस्ट था. इस परीक्षण के बाद माना जा रहा है कि इस एटीजीएम को थलसेना में शामिल कर लिया जाएगा. डीआरडीओ के मुताबिक, ‌स्वदेशी एमपी-एटीजीएम काफा हल्की है और मैन-पोर्टबैल लॉन्चर से फायर किया जा सकता है. ये फायर एंड फोरगेट प्रणाली पर आधारित है और इसमें थर्मल-साइट भी इंटीग्रेटेड है.



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