नई दिल्ली: इस साल शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) मिलिट्री एक्सरसाइज पाकिस्तान में होने जा रही है. इस बार एक्सरसाइज का नाम 'पब्बी-एंटी टेरर 2021' रखा गया है और यह पाकिस्तान के उस पब्बी इलाके में होने जा रही है जो खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में है. वही जहां ऐब्टाबाद और बालाकोट है. हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं है कि भारतीय सेना इस आठ देशों वाली एक्सरसाइज में हिस्सा लेगी या नहीं.


बता दें कि शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) में भारत, पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान हिस्सा है. रूस के नेतृत्व में हर साल इन सभी देशों की सेनाएं साझा‌ युद्धाभ्यास में हिस्सा लेती आई हैं. अभी तक ये एक्सरसाइज रूस में ही होती आई थी. भारतीय सेना ने पहली बार वर्ष 2018 में इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था, जो रूस के चेबरकुल मिलिट्री बेस पर हुई थी. 1947 के विभाजन के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने चेबरकुल में एससीओ देशों के साथ युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था.



पाकिस्तान में एक्सरसाइज


पहली बार एससीओ एक्सरसाइज रूस से बाहर पाकिस्तान में होने जा रही है. जानकारी के मुताबिक, इस साल इस युद्धाभ्यास को 'पब्बी एंटी टेरर 2021' नाम दिया गया है. दरअसल, पब्बी पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत का एक इलाका है, जहां ये एक्सरसाइज होने जा रही है. खैबर-पख्तूनख्वा वही प्रांत हैं जहां दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी ओसामा बिन लादेन छिपा हुआ था और साल 2011 में अमेरिका ने सीक्रेट ऑपरेशन में ऐब्टाबाद में उसे ढ़ेर कर दिया था.


साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के टेरर कैंप को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में ही एयर स्ट्राइक कर तबाह कर दिया था. अब उसी खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के पब्बी में एससीओ देशों की एंटी-टेरर यानि आतंकी-विरोधी एक्सरसाइज होने जा रही है. अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि भारतीय सेना पाकिस्तान में होने वाली इस पब्बी एक्सरसाइज में हिस्सा लेगी या नहीं.


शांति स्थापित करने को तैयार


हाल ही में भारत और पाकिस्तान डीजीएमओ स्तर की वार्ता में एलओसी पर युद्धविराम लागू कर शांति स्थापित करने के लिए तैयार हो गए हैं. लेकिन वर्षों से कश्मीर में आतंक को पालने पोषने वाले पाकिस्तान के साथ पाकिस्तान की धरती पर भारतीय सेना किसी एक्सरसाइज में हिस्सा लेगी, इस पर अभी सस्पेंस बरकरार है. पिछले साल यानि 2020 में जब रूस में एससीओ युद्धाभ्यास, कवकाज हुआ था, तब भारत ने कोविड का कारण बताकर युद्धाभ्यास में हिस्सा नहीं लिया था.


हालांकि, माना जा रहा था कि इसका एक बड़ा कारण उस दौरान चीन से चल रही तनातनी थी. वहीं एलएसी पर चीन से हाल ही में डिसइंगेजमेंट समझौता हो चुका है, लेकिन कई इलाकों में अभी भी टकराव जारी है. पाकिस्तान में होने वाली पब्बी एक्सरसाइज में चीन की पीएलए सेना भी हिस्सा लेने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरिएट (एनएससीएस) में इस बात को लेकर विचार हो रहा है कि पाकिस्तान में होने वाली एंटी टेरर एक्सरसाइज में भारत हिस्सा ले या नहीं. एनएससीएस, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सबसे बड़ी संस्था है जो सीधे एनएसए अजीत डोभाल के अधीन है.


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