सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि वह कोरोना से मौत का मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच करवाएगा. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी थी कि कोरोना से मौत के आधिकारिक आंकड़े और मुआवजा पाने के लिए दाखिल हुए आवेदन की संख्या में काफी अंतर है. केंद्र ने मांग की थी कि मामले में ऑडिट या किसी और तरीके से जांच की जानी चाहिए.


सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल यह आदेश दिया था कि पूरे देश में कोरोना से मरने वालों के परिवार को 50 हज़ार रुपए का मुआवजा दिया जाए. कोर्ट ने कहा था कि यह मुआवजा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) को देना होगा. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट में यह आशंका जताई थी कि मुआवजा पाने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है. लोगों ने कोरोना से मौत का झूठा मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवा कर मुआवजे के लिए आवेदन दिया और उन्हें भुगतान भी हो गया. केंद्र ने इसकी जांच के अलावा यह मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट भविष्य में दाखिल होने वाले आवेदनों की समय सीमा भी तय करे.


NDMA मुआवजे के झूठे दावों की समीक्षा करे


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान मामले पर चिंता जताते हुए कहा था, "जब हमने मुआवजे का आदेश दिया था, तब कल्पना भी नहीं की थी कि इस तरह के झूठे दावे दाखिल होंगे." कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही यह संकेत दिया था कि वह मामले की जांच करवाएगा. आज कोर्ट ने मामले पर आदेश सुरक्षित रख लिया. यह आदेश बुधवार, 23 मार्च को आने की उम्मीद है.


सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील आर बसंत ने जांच स्थानीय पुलिस को सौंपने की बजाय जिला विधिक सेवा अथॉरिटी (DLSA) से करवाने का सुझाव दिया. वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को यह अधिकार है कि वह खुद ही मुआवजे के झूठे दावों की समीक्षा करे. कोर्ट ने इन सुझावों को नोट किया. 


चार राज्यों में सबसे ज्यादा अंतर देखा गया


कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह चार राज्यों- आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और केरल में 5 प्रतिशत दावों की समीक्षा का आदेश देगा. इससे मामले को समझने में मदद मिलेगी. इन चार राज्यों में मुआवजे के लिए किए जाने वाले दावों और कोरोना से मौत के आधिकारिक आंकड़े में सबसे ज्यादा अंतर देखा गया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह कोरोना से हो चुकी मृत्यु के लिए मुआवजे का दावा करने मियाद अब से 60 दिन तय करेगा. भविष्य में होने वाली मौत का मुआवजा पाने के लिए दावा भी 90 दिन के भीतर करना होगा.


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