Supreme Court Stays on Slums: दिल्ली के सरोजिनी नगर इलाके में झुग्गियों को हटाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने 200 झुग्गियां हटाने के खिलाफ याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई सोमवार, 2 मई को की जाएगी. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में कार्रवाई करने से मना कर दिया था.


याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरोजिनी नगर में जिन झुग्गियों को हटाए जाने की बात हो रही है वहां पर लोग साल 1980 से रह रहे हैं. उनके पुनर्वास का कोई इंतजाम किए बगैर अचानक झुग्गियां हटाने का आदेश मिल गया है.


इससे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार हो गया था और सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई करने को कहा था. मुख्य न्यायाधीश ( CJI) एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ के सामने पीड़ित झुग्गी वालों की ओर से सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने इस मामले में जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी.


सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को सूचीबद्ध करने को कहा था


पीठ ने कहा था कि सोमवार यानी 25 अप्रैल को सूचीबद्ध करेंगे. विकास सिंह ने पीठ को बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं की पुनर्वास मुहैया कराने के बाद ही उजाड़ने की प्रार्थना अस्वीकार करते हुए एकल जज पीठ के आदेश में कोई तब्दीली करने से मना कर दिया था.


हाईकोर्ट का झुग्गियां तोड़ने से सुरक्षा का आदेश सोमवार तक ही था. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्टेटस को यानी यथास्थिति बहाल रखने का आदेश देने के लिए कहा था. कोर्ट ने इस प्रार्थना को तो ठुकरा दिया लेकिन ये अर्जी समुचित पीठ के आगे सूचीबद्ध करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोमवार यानी 25 अप्रैल को सूचीबद्ध किया जाएगा.


क्या है मामला


गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को सरोजिनी नगर में करीब 200 झुग्गी में सैंकडों लोगों की बस्ती खाली कराने का आदेश दिया था. इन लोगों ने दिल्ली झुग्गी पुनर्वास नीति का हवाला दिया, जिसमें साफ कहा गया है 1 जनवरी 2006 से पहले अस्तित्व में आई झुग्गी बस्तियों को हटाने से पहले उनका पुनर्वास किया जाएगा. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बाबत दिए गए पुराने फैसलों को भी दरकिनार कर दिया गया.


ये भी पढ़ें: CM केजरीवाल के आवास पर हमला मामले में दिल्ली पुलिस की बंदोबस्त रिपोर्ट से HC नाखुश, कहा- परेशान करने वाली घटना


ये भी पढ़ें: Supreme Court: एक्सीडेंट के समय Airbag नहीं खुलता तो कार कंपनियां को देना होगा जुर्माना, SC की सख्त टिप्पणी