Pegasus Probe: सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले की जांच कर रही टेक्निकल कमिटी से 4 हफ्ते में अंतिम रिपोर्ट देने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि कमिटी जांच की निगरानी कर रहे पूर्व जज को रिपोर्ट दे. 20 जून तक उसे सुप्रीम कोर्ट में जमा करवाया जाए. जुलाई में मामले की अगली सुनवाई होगी.


पिछले साल वरिष्ठ पत्रकार एन राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास समेत 15 याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पेगासस स्पाईवेयर के ज़रिए लोगों की जासूसी किए जाने का अंदेशा जताया था. याचिकाकर्ताओं ने कोर्र से जांच की मांग की थी. 27 अक्टूबर को कोर्ट ने मामले कि सच्चाई जांचने के लिए 3 सदस्यीय तकनीकी कमिटी बनाई थी. कमिटी की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर वी रवींद्रन कर रहे हैं.


तकनीकी विशेषज्ञ कमिटी को इन पहलुओं पर रिपोर्ट देनी है :-


* क्या भारत के नागरिकों के फोन या दूसरे डिवाइस में पेगासस स्पाईवेयर डाला गया?
* कौन लोग इससे पीड़ित हुए?
* 2019 में व्हाट्सऐप की हैकिंग की रिपोर्ट के बाद केंद्र ने क्या कदम उठाए?
* क्या भारत सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी सरकारी एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर हासिल किया?
* क्या किसी निजी व्यक्ति ने इसे खरीदा या इस्तेमाल किया?


कमिटी के गठन करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि कमिटी भविष्य के लिए सुझाव देगी. आज चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली की बेंच ने बताया कि कमिटी ने एक अंतरिम रिपोर्ट दी है. कमिटी ने बताया है कि 29 मोबाइल की जांच की. कई लोगों से बात की. मई के अंत तक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. कमिटी को रिपोर्ट तैयार करने के लिए समय दिया जा रहा है.


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