Satyendar Jain Bail: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जैन को 6 सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए कहा है कि वह निजी हस्पताल में इलाज करवा सकते हैं. लेकिन जेल से बाहर रहते हुए वह गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें. मीडिया को कोई बयान न दें और कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली से बाहर न जाएं. 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होगी.


भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी सत्येंद्र जैन लगभग 1 साल से जेल में हैं. इस दौरान जेल में उन्हें मिल रही वीआईपी सुविधा को लेकर विवाद भी उठा. इसके जवाब में आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया कि जैन बीमार हैं. उन्हें विशेष सहायता की जरूरत है.


सत्येंद्र जैन को इस तरह मिली जमानत


केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और जेल मंत्री रह चुके सत्येंद्र जैन ने पहले दिल्ली हाई कोर्ट से स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगी थी. लेकिन हाई कोर्ट ने कहा था कि एलएनजेपी हॉस्पिटल दिल्ली सरकार के तहत आता है. उसकी रिपोर्ट के आधार पर जमानत नहीं मिल सकती. हाई कोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पैनल से स्वास्थ्य जांच की बात कही थी. उस समय जैन ने याचिका वापस ले ली थी.


एक बार फिर पिछले कुछ समय से जेल में जैन की सेहत बिगड़ने की बात सामने आ रही थी. उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल भी करवाया गया है. उनके लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मानवीय आधार पर जमानत की दरख्वास्त की. सिंघवी ने जजों को बताया कि जैन को रीढ़ की बीमारी है. उनका वजन 35 किलो कम हो गया है.


ईडी की तरफ से किया गया विरोध


प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि जैन की बीमारी पहले से है. उनका वजन धार्मिक कारणों से किए जा रहे उपवास के चलते कम हुआ है. राजू ने एम्स या राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के डॉक्टरों से जैन के स्वास्थ्य जांच की मांग की. 


जस्टिस जे के माहेश्वरी और पी एस नरसिम्हा की अवकाशकालीन बेंच ने थोड़ी देर की सुनवाई के बाद मानवीय आधार पर जैन को 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी. जजों ने कहा कि उनके इलाज का ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट में जमा करवाया जाए. स्वतंत्र डॉक्टरों की टीम से स्वास्थ्य जांच पर 10 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा.


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