Sheikh Shahjahan Row: पश्चिम बंगाल में संदेशखाली का आरोपी शेख शाहजहां गिरफ्तार हो चुका है. कोर्ट ने उसे 10 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा तो टीएमसी ने उसे 6 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया है. मामले को लेकर राजनीति भी अपने चरम पर है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर है.


शेख शाहजहां पर महिलाओं का उत्पीड़न, जमीन पर कब्जा करने के आरोप के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमला करने के आरोप में पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उस पर बीजेपी समर्थकों की हत्या और बंगाल में बिजली कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.


बंगाल पुलिस ने शेख शाहजहां के खिलाफ क्यों नहीं की कार्रवाई?


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में या तो चार्जशीट गायब है या फिर शेख शाहजहां के खिलाफ जांच ही नहीं हुई. उसके खिलाफ कई सनसनीखेज मामले दर्ज होने के बाद भी प्रशासन ने संदेशखाली के ताकतवर नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इन मामलों पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने गौर किया और उसे तत्काल सुनवाई की इजाजत देने से इनकार कर दिया.


कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने क्या कहा?


चीफ जस्टिस ने शेख शाहजहां के वकील से कहा, “हमें इस शेख शाहजहां से कोई सहानभूति नहीं है. उसके खिलाफ 43 मामले हैं. अब अगले 10 साल तक कोर्ट के चक्कर काटने होंगे और ये शख्स आपको बहुत बिजी रखने वाला है. अगले 10 सालों तक उसके सभी मामलों को संभालना होगा.”


शेख शाहजहां की जुर्म कुंडली


जून 2019 में देबदास मंडल, उसके पिता प्रदीप मंडल और एक सुकांत मंडल नाम के शख्स की हत्या के मामले में शेख शाहजहां और अन्य 24 के खिलाफ नजात पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई. ये सभी लोग कथित तौर पर बीजेपी के समर्थक थे.


एफआईआर में बताया गया है कि शाहजहां के नेतृत्व में लगभग 150 लोगों का एक ग्रुप घातक हथियारों से लैस होकर मंडल के घर में घुस गया और फर्नीचर में तोड़फोड़ की. देबदास मंडल के पिता प्रदीप मंडल की कथित तौर पर हत्या कर दी गई और उसके बाद घर में आग लगा दी गई.


जब देबदास मंडल ने भागने की कोशिश की तो उसे पकड़ लिया गया और उसकी पिटाई की गई. करीब दो साल बाद उसका शव इलाके में एक नदी के किनारे मिला था. इसके अलावा लोगों का एक दूसरा ग्रुप सुकांत मंडल नाम के शख्स की दुकान में घुस गया और उसकी हत्या कर दी.


इस केस की चार्जशीट गायब थी और शेख शाहजहां के खिलाफ दर्ज हुई तत्काल एफआईआर को भी हटा दिया गया था. यहां तक कि आरोपी शेख शाहजहां से कभी भी पूछताछ तक नहीं की गई.


आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एक अन्य मामले में शाहजहां के खिलाफ जांच लंबित है. एफआईआर में नामित 23 लोगों में से केवल छह आरोपियों पर आरोप लगाए गए.


इसी तरह 25 अगस्त 2022 को शेख शाहजहां के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था जिसमें 10 लोगों ने सरबेरिया में बिजली स्टेशन के प्रबंधक के ऑफिस में घुसकर कर्मचारियों की पिटाई की. इस घटना में कई कर्मचारी घायल हो गए थे. इस मामले में 15 अक्टूबर 2022 को एक चार्जशीट फाइल की गई और एक अदालत का वारंट भी जारी हुआ लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई.


गौर करने वाली बात ये है कि पुलिस ने शेख शाहजहां को उत्तर 24 परगना के सरबेरिया इलाके से ही गिरफ्तार किया. फिर उसे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया. अब अगले 10 दिनों तक पुलिस की सीआईडी टीम शेख शाहजहां से पूछताछ करेगी.


कई सवाल हुए खड़े


इन सबके बीच कई सवाल भी खड़े हो गए हैं. शेख शाहजहां 55 दिनों से फरार था. कोर्ट ने 26 फरवरी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और 29 फरवरी की सुबह पुलिस शेख शाहजहां तक कैसे पहुंची? क्या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख शाहजहां को बचा रही थी? ये सवाल इसलिए क्योंकि शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के बाद जो पहली तस्वीर सामने आई उसमें शेख शाहजहां अकड़ कर चलता दिख रहा है. गिरफ्तारी के बाद शेख शाहजहां के चेहरे पर कोई शिकन नहीं नजर आई.


ये भी पढ़ें: VIDEO: बेखौफ चाल, दबंग अंदाज... कोर्ट में पेशी पर पहुंचे शाहजहां के चेहरे पर नहीं दिखा संदेशखाली का मलाल