Stalin Sanatana Dharma Row: सनातन धर्म पर टिप्पणी पर मचे बवाल के बाद अब तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने इस पर सफाई दी है. उन्होंने कहा, 'मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है और हम किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं.' 

इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर फासीवादी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने पिछले 9 साल में क्या किया? ये जनता को बताएं.' आइए जानते हैं उन्होंने अपनी सफाई में क्या बड़ी बातें कहीं?

उदयनिधि स्टालिन के बयान की बड़ी बातें

  • डीएमके पार्टी के नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन विवाद के बाद बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी के सदस्यों को कुछ बातें स्पष्ट करना मेरा कर्तव्य है. 2 सितंबर को मैंने तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स एंड आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ सीपीआई (एम) की ओर से आयोजित 'एनीहिलेशन ऑफ सनातन' के आह्वान पर एक सम्मेलन में भाग लिया था और भाषण दिया था.’
  • उदयनिधि ने आगे कहा, ‘पिछले 9 वर्षों में आपके (बीजेपी) सभी वादे खोखले हैं. आपने वास्तव में हमारे कल्याण के लिए क्या किया है? भाजपा नेताओं ने टीएनपीडब्ल्यूएए सम्मेलन में मेरे भाषण को 'नरसंहार के लिए भड़काने' वाला बताया. वे इसे(बयान को) अपनी सुरक्षा का हथियार मानते हैं.’
  • उन्होंने कहा,  ‘अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री फर्जी खबरों के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सम्मानजनक पदों पर रहते हुए बदनामी फैलाने के लिए मुझे ही उनके खिलाफ आपराधिक मामले और अन्य अदालती मामले दायर करने चाहिए, लेकिन मैं जानता हूं कि यह उनके सर्वाइवल का तरीका है. वे नहीं जानते कि कैसे सर्वाइव करना है, इसलिए मैंने ऐसा न करने का फैसला किया. मैं डीएमके के संस्थापक पेरियार के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से एक हूं. सब जानते हैं कि हम किसी धर्म के दुश्मन नहीं हैं.’
  • राजनेता रामासामी पेरियार के विचार के बारे में बात करते हुए डीएमके नेता ने कहा, ‘मैं धर्मों को लेकर पेरियार की टिप्पणी को आपके सामने रखना चाहूंगा, जो आज भी प्रासंगिक है- "अगर कोई धर्म लोगों को समानता की ओर ले जाता है और उन्हें भाईचारा सिखाता है, तो मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं. अगर कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर बांटता है, अगर वह उन्हें छुआछूत और गुलामी सिखाता है, तो मैं उस धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा.’
  • तमिलनाडू के खेल मंत्री ने आगे कहा, ‘हम उन सभी धर्मों का सम्मान करते हैं जो सिखाते हैं कि सभी एक समान जन्म लेते हैं, लेकिन इनमें से किसी के बारे में ज़रा भी समझ के बिना, मोदी और उनके सहयोगी संसदीय चुनावों का सामना करने के लिए पूरी तरह से इस तरह की बदनामी (सनातन धर्म की टिप्पणी से तुलना करते हुए) पर निर्भर रहते हैं.’
  • केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उदयनिधि ने कहा, ‘पिछले 9 साल से मोदी कुछ नहीं कर रहे हैं. कभी वह नोटबंदी करते हैं, कभी झोपड़ियों को छिपाने के लिए दीवार बनाते हैं, नया संसद भवन बनाते हैं, देश का नाम बदलने का खेल खेलते हैं.’
  • उन्होंने आगे कहा, ‘क्या केंद्र सरकार ने पुधुमई पेन योजना जैसी कोई योजना की शुरुआत की है, या फिर मुख्यमंत्री ब्रेकफास्ट योजना, कलैगनार महिला अधिकार योजना जैसी योजना लेकर आएं हैं.क्या उन्होंने(केंद्र सरकार) मदुरै में एम्स का निर्माण किया है. क्या उन्होंने शिक्षा को लेकर कलैगनार शताब्दी लाइब्रेरी जैसा कोई कदम उठाया है.’ 
  • कोरोना महामारी को लेकर उदयनिधि ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे, तो हम चावल, किराने का सामान और सब्जियों सहित आवश्यक वस्तुओं को बांटने के लिए घर-घर जाते थे. तब एडीएमके और भाजपा क्या कर रहे थे? वे घंटियां बजाकर और दीपक थामकर कोरोना वायरस को खत्म करने की जद्दोजहद कर रहे थे ?
  • उन्होंने कहा, ‘आज हम सत्ता में हैं. आज भी हम कलैग्नार की शताब्दी को सार्थक रूप से मनाने के लिए कल्याणकारी सहायता मुहैया कराने के लिए घर-घर जा रहे हैं.’
  • उदयनिधि ने कहा, ‘केंद्रीय प्रधान मंत्री मोदी का दावा है कि उन्होंने "पीएम केयर्स" के जरिए कोविड के लिए जो पैसा जुटाया, उसका हिसाब देने की जरूरत नहीं है. वह न तो 7.5 लाख करोड़ रुपये को लेकर सीएजी के सवालों का जवाब दे रहे हैं. भारत में मणिपुर के बारे में सवालों का सामना करने के डर से, वह अपने दोस्त अदानी के साथ दुनिया भर में घूम रहे हैं. सच तो यह है कि जनता की अज्ञानता ही उनकी नाटकीय राजनीति की पूंजी है.’
  • उन्होंने आगे कहा, ‘मणिपुर में भड़के दंगों में 250 से अधिक लोगों की हत्या और 7.5 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए मोदी और उनके सहयोगी 'सनातन' का उपयोग कर रहे हैं.’
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