Javed Ali Khan on Budget 2025: राज्यसभा में समाजवादी पार्टी से सांसद जावेद अली खान ने सरकार पर बजट में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा करने का बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार ने प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप का बजट घाटा दिया है और ओवरसीज एजुकेशन लोन इंटरेस्ट सब्सिडी में भी कटौती कर दी है. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए जावेद अली खान ने कहा कि सरकार के सबका साथ सबका विकास के नारे के विपरीत है.

जावेद अली खान ने कहा, “पेश बजट 2025-26 में अल्पसंख्यकों की घोर उपेक्षा की गई है. अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कुछ योजनाएं चल रही थी, उसे या तो बंद कर दिया गया है या उनकी मद में भारी कटौती की गई है.” उन्होंने कहा कि प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप फॉर माइनॉरिटी की योजना के लिए साल 23-24 में 433 करोड़ रुपयों को बजट था, लेकिन रिलीज 95 करोड़ ही किया गया. वहीं 2024-25 के बजट में 326 करोड़ दिया गया, लेकिन 90 करोड़ रुपये ही रिलीज हुए. वहीं इस बजट में 130 करोड़ घटाकर 195 करोड़ कर दिया गया और रिलीज कितना होगा पता नहीं. 

योजनाओं में कम बजट आवंटन को लेकर भड़के सपा सांसद

इसी के साथ जावेद अली खान ने कहा, “पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप फॉर माइनॉरिटी के लिए भी जो बजट आवंटित हुआ था, उसे घटा दिया गया है. मेरिट कम मींस स्कॉलरशिप फॉर प्रोफेशनल एंड टेक्निकल कोर्सेस के भी बजट को घटा दिया गया. ओवरसीज एजुकेशनल लोन इंटरेस्ट सब्सिडी के बजट को कम किया गया. अटल बिहारी वाजपेई के समय मदरसा और माइनॉरिटी स्कीम शुरू हुई थी. इसमें भी बीते साल मात्र दो करोड़ रुपए दिए गए थे, यानी की इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.”

गोलवलकर की किताब का किया जिक्र

सपा सांसद ने कहा, “अल्पसंख्यकों से संबंधित मदों में की गई कटौती के पीछे सरकार की सबका साथ सबके विकास की फिलॉसफी नहीं है . मुझे लगता है कि गोलवलकर की किताब - ‘वी एंड अवर नेशन हू डिफाइंड, जिसमें माइनॉरिटी को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का संकल्प लिया गया है और बंच ऑफ थॉट, जिसमें मुसलमानों को और माइनॉरिटी को मुसलमानों को दुश्मन नंबर एक और ईसाइयों को खतरा नंबर दो बताया गया है. वो फिलॉसफी, वो दर्शन इस बजट के पीछे काम कर रहा है.”

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