Satyendra Das Death: अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का बुधवार (12 फरवरी, 2025) की सुबह 87 साल की उम्र में निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक, 34 सालों से राम जन्मभूमि में मुख्य पुजारी के रूप में अपनी सेवा दे रहे सत्येंद्र दास को 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज हुआ, जिसके चलते उन्हें अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया था. उनका इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था.

पुजारी सत्येंद्र दास श्री रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी थे और उन्होंने लंबे समय तक रामलला की सेवा की, लेकिन क्या आप उनके परिवार के बारे में जानते हैं? आईए बताते हैं कि उनके परिवार में कौन-कौन था. रिपोर्ट के मुताबिक, पुजारी सत्येंद्र दास के परिवार में उनके माता-पिता, दो भाई और एक बहन थीं. उनकी बहन का निधन हो चुका है. कहा जाता है कि निधन से पहले वह अपने भाई के बेटे के साथ रहते थे. 

संन्यास की बात सुनते ही क्या बोले थे पिता?

पुजारी सत्येंद्र दास का जन्म तो साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन अध्यात्म की ओर उनका झुकाव उन्हें रामलला के पास ले गया. खास बात यह है कि जब पुजारी सत्येंद्र दास ने कम उम्र में अपने पिता को संन्यास लेने का फैसला सुनाया था तो उनके पिता ने कोई हैरानी जाहिर नहीं की थी, बल्कि उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा था कि उनका एक बेटा घर संभालेगा और दूसरा रामलला की सेवा करेगा. 

किसके साथ रहते थे पुजारी सत्येंद्र दास?

रामलाल के मुख्य पुजारी के रूप में सत्येंद्र दास की नियुक्ति 1 मार्च 1992 में हुई थी उनकी सैलरी 38.500 थी. उनका घर उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में है. हालांकि, वह अपने भतीजे प्रदीप दास के साथ अयोध्या के तुलसी चौरा में रहते थे. पुजारी सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हुए थे और कहा जाता है कि 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी विध्वंस हुआ तो उसे समय रामलाल को वह गोद में लेकर भागे थे.

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