Azam Khan On Rifts With Akhilesh Yadav: हाल ही में जमानत पर बाहर आए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से अनबन की अटकलों और पार्टी छोड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है. आजम खान ने कहा कि मेरी नाराज होने की औकात नहीं है, मेरे जिनसे रिश्ते बन जाते हैं वो मेरी तरफ से हमेशा रहते हैं. मेरी कोई नाराजगी नहीं है, मैं एक फकीर हूं. 


वहीं दूसरी पार्टी में शामिल होने के सवाल पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान बोले कि पहले कोई माकूल कश्ती सामने आए, अभी मेरा जहाज ही काफी है. बता दें कि, सपा शासन के दौरान पार्टी में जबरदस्त दबदबा रखने वाले आजम खान को दर्जनों मामलों में 27 महीने न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद शुक्रवार को सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया था.  


अखिलेश यादव से अनबन की अटकलें 
आजम खान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से अनबन की अटकलों के बीच मंगलवार को लगातार दूसरे दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही से बाहर रहे. आजम खान ने सोमवार को स्पीकर सतीश महान के कक्ष में शपथ ली थी. हालांकि वो सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए थे और सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद चले गए थे. साथ ही वो रविवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे. सदन में जाने को लेकर आजम खान का कहना है कि जहां फकीर बैठ जाता है वहीं फकीरी होती है, मैं फकीर हूं. 


अखिलेश यादव के जेल में मिलने न आने पर क्या बोले आजम?
यह पूछे जाने पर कि शिवपाल यादव सीतापुर जेल में उनसे मिलने गए थे, जबकि अखिलेश यादव उनसे मिलने नहीं गए थे, खान ने कहा, "मैं किसी के (जेल में) आने या नहीं आने पर टिप्पणी नहीं करने जा रहा हूं. मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जो आए थे, और उन लोगों को भी धन्यवाद जो कुछ कारणों से नहीं आ सके क्योंकि मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि मैं गुस्सा करूं." 


शिवपाल यादव से की है मुलाकात 
वहीं शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) से मुलाकात पर आजम खान (Azam Khan) ने कहा कि कोई भी मुझसे मिलने आएगा, मैं मिलूंगा. मेरी उनसे मुलाकात पहले भी हुई है और आगे भी होगी. मैंने अब तक एक रेखा खींच रखी थी, किसी दूसरी कश्ती की तरफ देखा नहीं था. सलाम दुआ सबसे रहनी चाहिए और चाय-नाश्ता से किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए. सब चाय नाश्ता कर सकते तो मैं नहीं कर सकता? 


ये भी पढ़ें- 


Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी केस में 26 मई को होगी अगली सुनवाई, कोर्ट ने दोनों पक्षों से सर्वे रिपोर्ट पर मांगी आपत्तियां 


क्या 2024 में बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्चे की अगुवाई करेंगे केजरीवाल?