Save The Soil Campaign: ईशा फाउंडेशन के सद्गुरु ''मिट्टी बचाओ'' अभियान चला रहे हैं. वे इस अभियान में एकेले बाइक पर सवार होकर 100 दिनों में 27 देशों की यात्रा पर निकले हैं. सद्गुरु बाइक से करीब 30 हजार किमी का सफर तय करेंगे. उन्होंने अपनी इस यात्रा की शुरुआत मार्च के महीने में की और अब तक वह अपनी आधी यात्रा पूरी कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने अधिकांश यूरोप, मध्य के देशों समेत मिडल ईस्ट की देशों की यात्रा की और वहां के जनप्रतिनिधियों समेत आम नागरिकों से मिट्टी को बचाने की नीतियां बनाने का आग्रह किया. हमारी खेती योग्य भूमि का 52 फीसदी हिस्सा सूखाग्रस्त हो चुका है. दुनिया में मिट्टी के संकट पर दुनियाभर के देशों को तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है. 


सद्गुरु इस अभियान के जरिए लोगों को प्रेरित करने के अपने इस उद्देश्य से हर संभव जोखिम उठा रहे हैं. वे अपनी इस यात्रा के दौरान प्रतिकूल परिस्थितियों की परवाह किए बिना बर्फ, रेतिले तूफान, कंपा देने वाले ठंडे इलाकों में सफर करने से भी पीछे नहीं हट रहे. सद्गुरु अपनी इस यात्रा के दौरान विभिन्न देशों के राजनेताओं, एक्सपर्टस्, नागरिकों, मीडियाकर्मियों समेत प्रभावशाली व्यक्तियों से मुलाकात कर उन्हें इस गंभीर विषय पर सकारात्मक नीतियां बनाने का निवेदन कर रहे हैं. 


''मिट्टी बचाओ'' अभियान को दुनियाभर से सकारात्मक सहयोग मिल रहा है. इस अभियान को अभी तक 2 मिलियन लोगों तक पहुंचाया जा चुका है. जिसका परिणाम है कि 72 देशों ने ''मिट्टी बचाओ'' को लेकर कानून बनाने पर सहमति जताई है.  सद्गुरु ने कहा, ''मिट्टी हमारी को प्रोपर्टी नहीं है, ये हमें हमारे पूर्वजों से विरासत में मिली है, अब ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इसे अपनी आने वाली पीढ़ी तक सुरक्षित पहुंचाए. ''


सद्गुरु इस महीने के अंत तक गुजरात के जामनगर पहुंचेंगे. इसके बाद वह पच्चीस दिनों में 9 राज्यों का भ्रमण करेंगे. सद्गुरु भारत के अलग-अलग राज्यों में घूमकर नेताओं, प्रतिष्ठित व्यक्तियों, मीडियाकर्मियों को इस दिशा में जल्द से जल्द उचित कदम उठाने के लिए निवेदन करेंगं. 


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