India-China Relations: जर्मनी में 60वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के दिग्गज नेता पहुंचे. भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर इसमें हिस्सा लेने पहुंचे. वहीं, चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी म्यूनिख पहुंचे हुए थे. इस दौरान दोनों की मुलाकात भी हुई. जयशंकर और वांग यी की मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि सीमा पर भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के दौरान दोनों नेता एक-दूसरे से मिले हैं. 


म्यूनिख सुरक्षा सम्मलेन (MSC) में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत के पश्चिमी मुल्कों के साथ संबंध बेहद मजबूत हैं. हर बीतते दिन के साथ रिश्ते और भी ज्यादा बेहतर होते जा रहे हैं. विदेश मंत्री ने 'ग्रोइंग द पाई: सीजिंग शेयर्ड अपॉर्चुनिटीज' विषय पर बोल रहे थे. इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और उनके जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक भी मौजूद थे. अमेरिकी विदेश मंत्री ने यहां पर भारत और अमेरिका के रिश्तों को लेकर भी बात की. 


चीनी विदेश मंत्री से मिले जयशंकर


विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर एक संक्षिप्त बातचीत की है. यह बातचीत शनिवार को तब हुई, जब जयशंकर एक पैनल चर्चा के लिए मंच पर जा रहे थे और वांग मंच से नीचे आ रहे थे. दोनों देशों के बीच कई महीनों तक कोई संवाद न होने के बाद अचानक यह बातचीत हुई है. पिछली बार दोनों नेता जुलाई 2023 में आसियान बैठक से इतर इंडोनेशिया में मिले थे. सुरक्षा सम्मेलन, वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर एक वार्षिक सम्मेलन शुक्रवार को म्यूनिख में शुरू हुआ. 






जब जयशंकर से मिलने खुद आए चीनी विदेश मंत्री


वहीं, जब म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन का समापन हो गया तो सभी नेता एक-दूसरे से मुलाकात कर रहे थे. तभी कुछ ऐसा देखने को मिला, जिसने सभी को थोड़े अचरच में डाला. दरअसल, भारत के खिलाफ बयानबाजी करने वाले चीन के विदेश मंत्री वांग यी की नजर जब भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर पर पड़ी, तो वह खुद ही उनकी ओर बढ़ते हुए चले आए. वांग यी मंच से उतरे और जयशंकर की ओर बढ़ गए. दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और फिर गुफ्तगू करने लगे. 


जिस वक्त जयशंकर और वांग यी मुलाकात कर रहे थे, उस वक्त विदेशी मीडिया के कैमरों ने उन्हें घेर लिया. दोनों नेताओं ने काफी देर तक एक-दूसरे से बात की. उन्हें फिस्ट बंप भी देते हुए देखा गया. हालांकि, दोनों के बीच क्या बात हुई, इसकी जानकारी नहीं मिली है. जयशंकर और वांग की ये मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब चीन बॉर्डर पर अपनी आक्रामकता दिखा रहा है. भारत भी चीन की हर चाल को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी के साथ सीमा पर तैनात है.


पश्चिम के लिए ब्रिक्स की चुनौती पर हुई बात 


सम्मेलन में ब्रिक्स के उदय को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें चीन और भारत दोनों ही शामिल हैं. इससे जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि पश्चिम को लगता है कि ब्रिक्स उसके लिए चुनौती है, लेकिन हमें गैर-पश्चिम और पश्चिम-विरोधी होने के बीच अंतर करना होगा. मैं निश्चित रूप से भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखता हूं, जो गैर-पश्चिम है...जिसके पश्चिमी देशों के साथ बेहद मजबूत संबंध हैं जो दिन-ब-दिन बेहतर हो रहे हैं. 


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