RSS General Secretary: महाराष्ट्र के नागपुर में रविवार (06 अगस्त) को दत्ताजी डिडोलकर जन्म शताब्दी समारोह के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा है कि वैचारिक विरोध और असहमति अलग-अलग चीजें हैं, लेकिन समाज में रहते हुए व्यक्तिगत नफरत नहीं होनी चाहिए. इस मौके पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे. 


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, होसबले ने कहा कि डिडोलकर ने सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे और अपनी विचारधारा से समझौता किए बिना दूसरों के विचारों का सम्मान किया. डिडोलकर आरएसएस नेता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संस्थापक सदस्य थे.


‘वैचारिक विरोध होना अलग बात, व्यक्तिगत नफरत नहीं होनी चाहिए’


उन्होंने आगे कहा, “विचारधारा का विरोध हो सकता है. वैचारिक विरोध अलग बात है, लेकिन समाज में व्यक्तिगत स्तर पर विरोध नहीं सहना चाहिए. जब हम समाज में रहते हैं तो हमें एक-दूसरे के प्रति दुश्मनी नहीं रखनी चाहिए, बल्कि मानवता और न्याय के सिद्धांतों पर सरल जीवन जीना चाहिए.”


होसबले ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी के मजदूरों के अधिकारों के लिए काम करते समय कई कम्युनिस्ट नेताओं के साथ बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध थे, "जो हमें संघ ने सिखाया है."


आरएसएस नेता ने कहा, "वैचारिक विरोध एक अलग चीज है. असहमति हो सकती है लेकिन, किसी ने भी हमें समाज में एक-दूसरे के प्रति नफरत के साथ रहना नहीं सिखाया है. दत्ताजी जैसे लोगों ने हमें विवेक और बड़ा दिल रखना सिखाया है."


नितिन गडकरी ने भी डिडोलकर को किया याद


वहीं, इस मौके पर बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विद्यार्थी परिषद के दिनों के दौरान डिडोलकर के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया. उन्होंने कहा, "दत्ताजी हमेशा श्रमिकों के पीछे खड़े रहे और श्रमिकों के लिए एक अभिभावक की तरह थे."


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