17 दिसंबर 2025 को गोरखपुर के खोराबार के मालवीय नगर श्रीराम बस्ती खेल मैदान में हिंदू सम्मेलन हुआ. इसमें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जब हम हिंदू धर्म कहते हैं, तो यह मानव धर्म है. दुनिया के किसी भी देश के लोग अपने-अपने पंथ को रखकर पालन कर सकते हैं. नमाज पढ़ने वाले हमारे मुस्लिम बंधु भी पर्यावरण की दृष्टि से नदी की पूजा करें, तो क्या बिगड़ता है. वो कोई सूर्य नमस्कार करें, तो क्या हम कोई विरोध करने वाले हैं क्या? वो प्राणायाम करेंगे, तो कोई गलत है क्या? नहीं है.

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हम ये नहीं कहते कि तुम ये करो, तो वो पूजा छोड़ दो... वो नमाज छोड़ दो. हम ये कह रहे हैं कि ये मानव धर्म है. ये हिंदू धर्म है. ऐसा हिंदू धर्म हमारे पूर्वजों ने हजारों साल संघर्ष करते हुए सभी तरह के आक्रांताओं के सामने भी टिके रहे. इसीलिए ये भूमि ऐसी है.

हिंदू संस्कृति को बचाना सभी लोगों का कर्तव्य

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दत्तात्रेय ने कहा कि हमारे लोगों के बुद्धिमत्ता, प्रतिभा, परिश्रम का स्वागत हो रहा है. हमारे देश की संस्कृति के बारे में जानने के लिए लोग उत्सुक हैं. रूस में चर्च को मंदिर में परिवर्तन करने के लिए वहां के लोगों ने अनुमति दी. अमेरिका में जहां-जहां हिंदू हैं वहां मंदिर बनते जा रहे हैं. वहां के लोग सूर्य नमस्कार और प्राणायाम कर रहे हैं. संस्कृत सीख रहे हैं. जर्मनी में कई विश्वविद्यालय में संस्कृत सिखाई जाती है. आयुर्वेद का अध्यापन हो रहा है.

भारत को दुनिया का विश्वगुरु बनना है. हिंदू धर्म, हिंदुत्व और हिंदू संस्कृति की श्रेष्ठ बातों को आज जीवन में उतारने के लिए अपने जीवन को उस दृष्टि से आगे बढ़ाना चाहिए. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए इसमें कर्तव्य है.

हिंदुओं की संख्या बनी रहना बेहद जरूरी

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, 'अपने समाज के हिंदुओं की संख्या बनी रहनी चाहिए. दूसरे मजहब में परिवर्तन के लिए मजबूर होना या ऐसे षड्यंत्र का शिकार नहीं बनना है. धर्म परिवर्तन के नाम पर देश में कई जगह पर ये हो रहा है. गरीबों और हिंदू समाज में जिनको समाज ने दूर रखा, अछूत और निचला समझा ऐसे लोगों के अंदर प्रवेश करते हैं. उनका धर्म परिवर्तन होता है. जनजाति क्षेत्र में हुआ है. हमें इन चीजों से सावधान रहना पड़ेगा.'

धर्म का नियम सबके लिए लागू

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि धर्म वही है. आप अपने अपने पंथ पर हैं. आप शैव, वैष्णव, जैन, बौद्ध और द्वैत्य-अद्वैत्य हैं. वो अपनी गाड़ी है. आज शैव है. कल वैश्य बन सकते हैं. आज मैं सनातनी हूं, कल सिख बन सकता हूं. मैं गाड़ी बदलता हूं, लेकिन धर्म नहीं बदल सकता. धर्म के नियम का पालन करना चाहिए. ये अपने पूर्वजों ने बताया कि धर्म क्या है. इसीलिए जब हम हिंदू धर्म कहते हैं, तो यह मानव धर्म है. ये जो हमारे पूर्वजों ने कहा है, दुनिया में किसी भी धर्म के लोग पालन कर सकते हैं.