राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार (2 दिसंबर, 2025) को एक राष्ट्रीय मंदिर बनाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि सबकी भलाई का प्रतीक भव्य राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में अब हो चुका है. अब अगला कदम एक शानदार, शक्तिशाली और सुंदर राष्ट्रीय मंदिर बनाना है.

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उन्होंने कहा, “संघ पूरे समाज को एकजुट करना चाहता है और एक एकजुट समाज ही देश को अत्यंत खुशहाल बना सकता है और एक मजबूत देश ही दुनिया में शांति की स्थापना कर सकता है.”

आभार समारोह में क्या बोले मोहन भागवत?

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सरसंघचालक मोहन भागवत मंगलवार (2 दिसंबर, 2025) को महाराष्ट्र के पुणे में कोथरूड के यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह में आदित्य प्रतिष्ठान की ओर से आरएसएस के शताब्दी समारोह के तहत आयोजित आभार समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि संघ में अहंकार या जिम्मेदारी की कोई भावना नहीं है, क्योंकि संघ समाज के लिए निस्वार्थ भाव से काम करता है. हमारा यह दावा नहीं है कि सिर्फ संघ ही देश का भला कर सकता है. संघ का मानना है कि अगर समाज मजबूत होगा तो देश अपने आप ही ऊपर उठेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इसलिए बढ़ा क्योंकि मुश्किल समय में समाज ने उसका साथ दिया.

भारत में विभिन्न भाषा और परंपराओं के बावजूद लोकतंत्र सफल- विजयेंद्र सरस्वती

आदित्य प्रतिष्ठान के अध्यक्ष शंकर अभ्यंकर ने इस मौके पर कहा, “हमलों की वजह से दुनिया के कई सामाजिक मानदंड खत्म हो गए, लेकिन भारत की हिंदू संस्कृति जो पूरी दुनिया को एक परिवार मानती है. वो हमेशा बची रही. ब्रिटिश राज भी भारत की पहचान को तोड़ने के लिए किया गया हमला ही था.”

जगद्गुरु शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती स्वामी ने कहा, “भारत की सनातन संस्कृति इंसानियत को दुनिया की भलाई की ओर ले जाती है. भारत में कई परंपराओं, भाषा और इलाकों के बावजूद लोकतंत्र इसलिए मजबूती से सफल हुआ है क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्य सनातन धर्म ही है. आज अच्छे लोगों को मजबूत बनाकर लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करना होगा.”

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