राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (21 दिसंबर) को कहा कि उनके संगठन के बारे में जानबूझकर झूठी बातें और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं, खासकर ऐसे समय में जब यह अपना दायरा बढ़ा रहा है.

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कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कुछ वर्गों को डर था कि संघ का विकास उनके निहित स्वार्थों के लिए खतरा पैदा करेगा, जिसके कारण संगठन के बारे में पूरी तरह से झूठ फैलाया जा रहा है.

'संगठन के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है'

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कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि कुछ वर्गों को डर था कि संघ का विकास उनके निहित स्वार्थों के लिए खतरा पैदा करेगा, जिसके कारण संगठन के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि कई लोग आरएसएस के नाम से परिचित हैं, लेकिन वे अक्सर जमीनी स्तर पर इसके कार्यों से अनभिज्ञ होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक गलतफहमियां पैदा होती हैं. उन्होंने कहा, "ऐसे लोग हैं जो संघ के बारे में झूठी बातें और सरासर झूठ फैलाते हैं."

'संगठन अपनी विचारधारा थोपने का प्रयास नहीं करता है' 

संघ प्रमुख भागवत ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि संगठन अपनी विचारधारा थोपने का प्रयास नहीं करता है और आरएसएस के बारे में व्यक्तियों को अपनी राय बनाने की पूरी स्वतंत्रता है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि ऐसी राय अनुमानों या सुनी-सुनाई बातों के बजाय सत्यापित तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए.

आरएसएस को लेकर बात करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हम किसी को भी संघ स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहते. लोगों को अपने विचार बनाने की पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन उनके विचार तथ्यों पर आधारित होने चाहिए, न कि कल्पना या गौण स्रोतों पर. 

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