Road Rage Case: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) रोड रेज मामले में सरेंडर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय देने का अनुरोध किया है. इसपर जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच ने कहा कि सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस एन वी रमना से अनुरोध करें. सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वास्थ्य कारणों से समर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय देने का अनुरोध किया है.


चीफ जस्टिस ने अभी किसी भी मामले की मेंशनिंग सुनने से मना किया है. ऐसे में आज याचिका पर सुनवाई की उम्मीद कम है.


सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नवजोत सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. इस घटना में 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि कम सजा देने के लिए किसी भी तरह की सहानुभूति न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान पहुंचाएगी और कानून के प्रभाव को लेकर जनता के विश्वास को कमजोर करेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता सिद्धू ने ट्वीट किया था, ‘‘कानून का सम्मान करूंगा.’’ 


सिद्धू और उनके सहयोगी रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में थे. उस समय गुरनाम सिंह और दो अन्य लोग पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे.


जब वे चौराहे पर पहुंचे तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने जिप्सी को सड़क के बीच में पाया और उसमें सवार सिद्धू और संधू को इसे हटाने के लिए कहा. इससे दोनों पक्षों में बहस हो गई और बात हाथापाई तक पहुंच गई. गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.


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