Lok Sabha Elections 2024: राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रविवार (25 फरवरी) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पर तंज कसा है. जयंत चौधरी ने कहा कि उनको उम्मीद है कांग्रेस नेता यहां आकर आगरा और मथुरा के लोगों को 'शराबी' नहीं कहेंगे. इसके पीछे उनका इशारा राहुल गांधी के अमेठी यात्रा के दौरान दिए गए उस भाषण की तरफ था जिसमें वाराणसी के युवाओं के लिए 'शराबी' शब्द का इस्तेमाल किया गया था.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जयंत चौधरी ने राहुल गांधी की यात्रा को शुभकामनाएं भी दीं. साथ ही वाराणसी के युवाओं के लिए किए गए 'शराबी' जैसे शब्द पर कटाक्ष करने में पीछे नहीं रहे. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जयंत चौधरी रविवार को मथुरा पहुंचे थे जहां राजस्थान व यूपी के विधायकों के साथ बैठक की थी.
बैठक के बाद जयंत चौधरी ने एनडीए में शामिल होने को लेकर भी कहा है कि इस पर जल्द ही घोषणा की जाएगी. इसके बाद ही कितनी और कौन सी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी, इसका निर्णय किया जाएगा.
दरअसल, अमेठी में अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था और इस संदर्भ में कहा था कि उन्होंने वाराणसी में युवाओं को नशे में धुत होकर सड़क पर पड़े हुए देखा है.
पीएम मोदी ने भी साधा था राहुल गांधी पर निशाना
जयंत चौधरी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राहुल गांधी के 'शराबी' शब्द प्रयोग करने पर निशाना साध चुके हैं. पीएम मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला 'शराबी' शब्द सुना तो वह हैरान रह गए. राहुल गांधी का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस परिवार के राजकुमार कहते हैं कि यूपी के युवा 'शराबी' हैं. बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है.
राहुल गांधी ने अमेठी यात्रा के दौरान युवाओं पर दिया था यह बयान
अमेठी यात्रा के राहुल गांधी ने इस बात को जोर शोर से कहा था कि देश के युवाओं के पास कोई काम नहीं है और वो सिर्फ रोजगार मांगने वाले पोस्टल लहराते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया था कि मैंने वाराणसी में यह सब देखा है कि कुछ युवक नशे में धुत होकर सड़क पर लेटे हुए थे.
उन्होंने यह भी कहा था कि यह यूपी का भविष्य हैं जो रात के वक्त शराब के नशे में सड़क पर लेटते हैं और डांस करते हैं. दूसरी तरफ, राम मंदिर हैं जहां पर आपको अंबानी, अडाणी नजर आएंगे, लेकिन कोई पिछड़ा, दलित नहीं दिखेगा. क्यों? क्योंकि वह आपकी जगह नहीं है. आपकी जगह सड़क पर बैठकर नौकरी मांगने की है और उनका काम पैसे गिनने का है.
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