नई दिल्ली: रिलायंस जियो इंफोकॉम और जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने कहा है कि उनका गूगल और फेसबुक के साथ कोई डेटा शेयरिंग मैकेनिज्म नहीं है. डेटा सुरक्षा के मुद्दे को देख रही संसदीय समिति के सामने पेश हुए कंपनी के अधिकारियों से समिति ने बुधवार को पूछा था कि क्या उनकी कंपनी का फेसबुक और गूगल के बीच कोई शेयरिंग मैकेनिज्म है, जो कि इसके निवेशकों में शामिल हैं.


कमेटी का नेतृत्व कर रहीं बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि "जियो के अधिकारियों से पूछा गया था कि क्या कंपनी के पास गूगल और फेसबुक और उसके यूजर्स के साथ कोई डेटा शेयरिंग मैकेनिज्म है, जिसके लिए कंपनी के अधिकारियों ने मना कर दिया. उन्होंने बताया कि दोनों कंपनियां वित्तीय निवेशक हैं ”


कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि निजी डेटा को केवल थर्ड पार्टी या निवेशकों को ही नहीं, बल्कि रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों के साथ भी शेयर नहीं किया जाता है.


डेटा गोपनीयता के पक्ष में है कंपनी
समिति के सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे डेटा गोपनीयता के पक्ष में हैं. उन्होंने संसदीय समिति को आश्वासन दिया कि रिलायंस अपने ग्राहकों के उपलब्ध व्यक्तिगत डेटा को किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं करेगी. सूत्रों अनुसार रिलायंस ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर भारत में डेटा सुरक्षा और इसके लोकलाइजेशन की पक्षधर है. हालांकि फेसबुक के रुख इसके विपरीत रहा है.


दूसरी कंपनियों के प्रतिनिधि होंगे पैनल के सामने पेश
अधिकारियों ने कहा है कि देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है. सुरक्षा, संप्रभुता और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए भारत में व्यक्तिगत डेटा स्टोर किया जाना चाहिए.


जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ने अधिकारियों को कहा कि उन्हें अपने ग्राहकों के व्यक्तिगत डेटा से निपटने के कॉनफ्लेक्ट ऑफ इंटरेस्ट से बचना चाहिए. ओला और उबर के प्रतिनिधियों को भी पैनल के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है. वहीं गुरुवार को एयरटेल और ट्रूसेलर के प्रतिनिधियों को भी पैनल के सामने पेश होना है.


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