नई दिल्ली: उड़ीसा के पूर्वी तट पर स्थित जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ-यात्रा का उत्सव आज पारंपरिक रीति के अनुसार बड़े धूमधाम से शुरु होगी. जगन्नाथ रथ उत्सव आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया से आरंभ करके शुक्ल एकादशी तक मनाया जाता है. इस दौरान रथ को अपने हाथों से खिंचना बेहद शुभ माना जाता है.

रथ के रूप की बात करें तो जगन्नाथ उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा के तीन रथ बनाया जाता है. यह रथ लकड़ी के बने होते हैं. जगन्नाथजी के रथ को नंदीघोष, बलराम जी के रथ को 'तलध्वज' और सुभद्रा जी का रथ "देवदलन" है. तीनों रथों को जगन्नाथ मंदिर से खींच कर 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति गुंडीचा मंदिर तक लिया जाता है.

गुंडीचा मंदिर 7 दिनों तक जगन्नाथ भगवान यहीं निवास करते हैं. इसके बाद आषाढ़ शुक्ल दशमी के दिन वापसी जिसे बाहुड़ा यात्रा कहते हैं. इस दौरान पुन: गुंडिचा मंदिर से भगवान के रथ को खिंच कर जगन्नाथ मंदिर तक लाया जाता है. उधर मौसम विभाग ने रथ यात्रा के दौरान भारी बारिश की संभावना जताई है.

क्या है पूरा कार्यक्रम? शनिवार रात 12 बजे मंगल आरती के साथ ही रथ यात्रा की प्रारम्भिक रीतिया शुरु हो जाएगी. सुबह 7.10 बजे सूर्य पूजा, 7.30 बजे द्वारपाल पूजा, सुबह 8 बजे से 9 बजे तक गोपाल भोग होगा. रथ प्रतिष्ठा सुबह 9.30 बजे तीनो भगवन का पहंडी आरंभ होगी जो दोपहर 12 बजे तक चलेगी, दोपहर 2.30 बजे पुरी महाराजा छेरापहरा करेंगे और दोपहर 3 बजे बजे रथ खींचना शुरु होगा.

अहमदाबाद में भी 140वीं रथयात्रा अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर से आज 140वीं रथयात्रा निकलेगी. भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा, भाइ बलभद्र के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे. सुबह 7 बजे रथयात्रा शुरु होगी जो करीब 18 किलोमीटर घूमकर देर शाम वापस मंदिर लौटेगी. रथयात्रा की शुरुआत के पहले सुबह 4 बजे मंगला आरती होगी. इस आरती में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मौजूद रहेंगे. अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में सबसे ज्यादा 14 बार पहिंदविधि करने का रिकॉर्ड प्रधानमंत्री मोदी के नाम है.