भारत ने गुरुवार (17 जुलाई, 2025) को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रमुख के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें रूस से व्यापारिक संबंध रखने पर 100 फीसदी टैरिफ की धमकी दी गई थी. भारत ने संभावित प्रतिबंधों की धमकियों का विरोध करते हुए इसे दोहरा मानदंड बताया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी हैं और घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. मैं दोहराना चाहता हूं कि अपने लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है." नाटो को दोहरे मानदंडों के प्रति आगाह करते हुए रणधीर जायसवाल ने कहा, "इस प्रयास में हम बाजार में उपलब्ध चीज़ों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों से निर्देशित होते हैं.
क्या कहा था नाटो प्रमुख रूटे ने ?विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी नाटो प्रमुख रूटे द्वारा वॉशिंगटन में अमेरिकी सीनेटर थॉम टिलिस और जीन शाहीन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत, चीन और ब्राज़ील से मॉस्को के साथ अपने आर्थिक संबंधों पर पुनर्विचार करने को कहा गया था. साथ ही कहा था कि रूस द्वारा शांति वार्ता के लिए प्रतिबद्ध न होने पर इन देशों को 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
ब्राज़ील, भारत और चीन को एक साथ चेतावनीरूटे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उसी रुख को दोहराया, जिसमें उन्होंने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर कड़े टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. उन्होंने इन देशों से रूस पर बातचीत के लिए दबाव बनाने की अपील की. रूटे ने चेतावनी देते हुए कहा, "कृपया व्लादिमीर पुतिन को फ़ोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता को लेकर गंभीर होना होगा, वरना ब्राज़ील, भारत और चीन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा."
यह बयान ट्रंप द्वारा यूक्रेन को अतिरिक्त सैन्य सहायता देने की घोषणा के बाद आया है, जिसमें वायु रक्षा प्रणालियां, मिसाइलें और गोला-बारूद शामिल हैं. ट्रंप ने रूस को गंभीर शांति वार्ता शुरू करने के लिए 50 दिनों की समय-सीमा भी दी है.
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