Hanuman Chalisa Row: हनुमान चालीसा विवाद के बाद राणा दम्पत्ति (Rana Couple) को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने राजद्रोह (Sedition) के मामले में गिरफ़्तार किया था और कोर्ट (Court) ने उन्हें ज़मानत देते समय ज़मानत की शर्तों में उन्हें कहा था की वो मीडिया से इस मामले के संदर्भ में बात नही करेंगे. हालांकि मुंबई पुलिस ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और कहा कि राणा दंपत्ति ने कोर्ट के आदेश को नहीं माना इसी वजह से उनकी ज़मानत रद्द होनी चाहिए और उनके ख़िलाफ़ NBW जारी किया जाना चाहिए. 


मुंबई पुलिस ने कहा था कि ज़मानत की सबसे बड़ी शर्त मीडिया से बात ना करने की थी इस शर्त को राणा दंपति ने मानने की बजाय उसकी अवमानना की है. इसी मामले में कोर्ट ने राणा दम्पति को अपना जवाब दाखिल करने कहा था. कोर्ट ने सरकारी वकील कोर्ट को समझाने की कोशिश कि और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 124A को लेकर जो फैसला आया है वो इस केस पर लागू नही हो सकता है. इस मामले में दो धाराओं में भी मामला दर्ज है.


राणा दम्पति के वकील रिज़वान मर्चेंट ने जिसके बाद कोर्ट को जवाब दिया इसके साथ ही मर्चेंट ने कोर्ट में एक एप्लिकेशन भी फ़ाइल किया और कहा कि राणा दम्पति आज कोर्ट में नही आ पाए इसके लिए उन्हें छूट दी जाए. कोर्ट में उन्हें छूट मिले इसके लिए उन्होंने उस एप्लिकेशन के साथ बहुत ही सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी सबमिट किया.


मर्चेंट ने कोर्ट से कहा की यह डॉक्यूमेंट बहुत ही सीक्रेट रखा जाए क्यूँकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ी है और इसे सिर्फ कोर्ट और सरकारी पक्ष ही देखे. पर्सनल अपियरेंस को लेकर उन्हें छूट मिले इसके लिए जो एप्लिकेशन दायर किया गया था कोर्ट ने उसे मान्य किया और उन्हें छूट दी. इसी मामले में अगली सुनवाई की तारीख़ 15 जून को दी गई है.


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