नई दिल्ली: कोरोना एक बार फिर से खरतनाक होता जा रहा है और भारत में इसकी दूसरी लहर डराने वाली है. कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच ही कई त्योहार भी आ रहे हैं. नवरात्रि और रमज़ान के त्योहार के चलते धार्मिक गुरु लगातार लोगों से कोरोना से बचने की अपील भी कर रहे हैं. ऐसे में कई बड़े बाजारों में लोगो की भीड़ भी काफी दिख रही है. लेकिन कई ऐसी जगह भी है जहां लोग अभी भी बड़ी संख्या में एकजुट है.
आज से रमज़ान का महीना भी शुरू हो गया है. एक महीने तक चलने वाले इस इबादत वाले महीने में मस्जिदों से लेकर बाजारों तक रौनक आम दिनों के मुकाबले दोगुनी होती है. राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिल्ली का जामा मस्जिद और मस्जिद के आसपास का इलाका इफ्तार से सेहरी तक लोगों से भरा होता था. लेकिन कोरोना ने त्योहारों की रौनक फीकी कर दी है.
पूरी तरह से पालन नहीं
पिछले साल रमज़ान के महीने में लॉकडाउन था. इसलिए लोग घर पर ही थे और चाहे नमाज़ हो या तरावीह लोगों ने घर पर ही इबादत की लेकिन इस बार कोरोना का खतरा पहले से काफी बड़ा है और आम जिंदगी बिना लॉकडाउन के चल रही है. ऐसे में इस बार त्योहार पर संक्रमण का खतरा क्या बड़ जाएगा, कुछ नहीं कहा जा सकता. कुछ बाजारों में भीड़ बेहद दिखाई दे रही है. लोगों के चेहरे पर मास्क तो है लेकिन 2 गज की दूरी कैसे ही हो पाएगी? लगातार पुलिस और प्रसाशन की अपील के बावजूद भी लोग अपने कामों में इतने मुब्तला है कि लोग संक्रमण के खतरे से तो वाकिफ है लेकिन पूरी तरह से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन कम ही दिख रहा है.
इस बार कोरोना का खतरा बहुत बढ़ गया है. संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में रमज़ान के इबादत वाले महीने को देखते हुए लगातार मुस्लिम धर्मगुरु भी लोगों से यह अपील कर रहे हैं कि इबादत करें लेकिन कोरोना को ध्यान में रखें और घर पर ही रहें. शाही इमाम सय्यद अहमद बुखारी ने वीडियो संदेश जारी कर लोगों से घर पर रहने की और कोरोना से बचने की अपील की है.
दिल्ली में कोरोना का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. बीते 24 घंटे में 17 हजार से भी ज्यादा केस दिल्ली में सामने आए हैं. ऐसे हालातों को देखते हुए मुस्लिम धर्म गुरु भी चाह रहे हैं कि लोग मस्जिद में न आए. फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया, 'मस्जिद के दरवाजे आज कल बंद रखे जा रहे हैं और लोगों से कम संख्या में मस्जिद में आने के लिए कहा जा रहा है.'