नई दिल्लीरामनाथ कोविंद ने 14वें राष्ट्रपति के तौर पर अपने पद की शपथ ली. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस खेहर ने उन्हें संसद के केंद्रीय हाल में शपथ दिलाई. प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्पीकर सुमित्रा महाजन, पीएम नरेंद्र मोदी सहित मंत्रिमंडल और सांसदों के साथ गणमान्य लोगों की मौजूदगी में ये शपथग्रहण समारोह संपन्न हुआ.


 




शपथ लेने के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा “मैं यूपी के एक छोटे से गांव से हूं. मिट्टी के घर में पला बढ़ा हूं. मेरी यात्रा लंबी रही है, लेकिन ये यात्रा सिर्फ मेरी नहीं रही है, बल्कि मेरे देश और समाज की यही गाथा है.”


देश की विभिन्नता और विविधता को देश की ताकत बताते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा, ''हम अलग जरूर है, लेकिन एकजुट हैं.'' उन्होंने कहा, ''विविधता ही हमारा आधार है जो हमें अद्वितीय बनाता है. इस देश में हमें राज्यों, क्षेत्रों, पंथों, भाषाओं, सस्कृतियों और जीवनशैलियों जैसी कई बातों का मिलन देखने को मिलता है. हम बहुत अलग हैं, लेकिन फिर भी एक हैं और एकजुट हैं.” उन्होंने देश के निर्माण में देश की पुलिस, सेना और किसान राष्ट्र निर्माता बताया.


भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आज बदलाव की औपचारिक प्रक्रिया उस समय शुरू हुई जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अकबर रोड स्थित आवास पर उन्हें लेने के लिए उनके सैन्य सचिव पहुंचे.


राष्ट्रपति के सैन्य सचिव मेजर जनरल अनिल खोसला 71 वर्षीय कोविंद और उनकी पत्नी सविता को राष्ट्रपति भवन ले जाने के लिए आमंत्रित करने आए जहां अध्ययन कक्ष में निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उनका इंतजार कर रहे थे.


इसके बाद दोनों नेता भव्य राष्ट्रपति भवन के समक्ष स्थित दालान में गए जहां से उन्हें सलामी मंच तक ले जाया गया. मुखर्जी ने राष्ट्रपति के अंगरक्षकों से अंतिम सलामी ली और इस समय नवनिवार्चित राष्ट्रपति कोविंद उनके बांयीं ओर खड़े थे.


 


इसके बाद मुखर्जी और उनके उत्तराधिकारी काले रंग की लिमोजिन कार से रायसीना पहाड़ी से संसद भवन की ओर बढ़े. उनके आगे राष्ट्रपति के अंगरक्षकों का काफिला चल रहा था जो सफेद परिधान पहने हुए था. अंगरक्षकों ने सफेद परिधान, नीले साफे और सुनहरे रंग के अलंकरण धारण कर रखे थे.


राष्ट्रपति भवन से संसद मार्ग पर जाने वाले मार्ग तक सशस्त्र बल के जवान खड़े हुए थे. इससे पहले आज सुबह कोविंद ने राजघाट जा कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.