Pinarayi Vijayan On Ram Mandir: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार (22 जनवरी) को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में सरकार की भूमिका की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि धर्म और सरकार के अंतर वाली रेखा लगातार पतली होती जा रही है.


आज सोमवार (22 जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लिया, इसके कुछ घंटों बाद सीएम विजयन ने एक संदेश जारी करते हुए कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि देश में किसी धार्मिक पूजा स्थल के उद्घाटन को राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाने लगा है.


उन्होंने आगे कहा कि हमारे संवैधानिक पदाधिकारियों को धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने से आगाह किया गया है, क्योंकि ये यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में हमारी साख पर सवाल उठाएगा.


जवाहर लाल नेहरू को किया याद
सीएम पिनाराई विजयन ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को याद करते हुए आगे कहा, “वह अक्सर कहते थे कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता का मतलब धर्म और सरकार को अलग रखना है. हमारे पास उस अलगाव को बनाए रखने की एक मजबूत परंपरा है. हालांकि, ये धर्म और सरकार का सीमांकन करने वाली रेखा पतली होती जा रही है. इसलिए, जिन लोगों ने भारत के संविधान की शपथ ली है, उन्हें ये सुनिश्चित करना होगा कि देश में प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से अपने धर्म को मानने का अधिकार मिले.”


‘ये देश सभी धर्म के लोगों का है’
उन्होंने कहा कि हम एक धर्म को अन्य सभी के ऊपर थोप नहीं सकते या एक धर्म को दूसरे धर्म से नीचे नहीं आंक सकते. उन्होंने बताया कि धर्मनिरपेक्षता भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य की आत्मा है और हमारे राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान हमारी पहचान एक राष्ट्र के रूप में रही है.


उन्होंने आगे कहा, विभिन्न धर्मों से जुड़े लोगों और जो किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं थे, उन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया था. यह राष्ट्र समान रूप से सभी लोगों और भारतीय समाज के सभी वर्गों का है.


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