साल 2026 में बड़े पैमाने पर देशभर में चुनाव होने हैं. केरल, तमिलनाडु, असम और पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे. इसके अलावा राज्यसभा की 75 सीटों पर भी चुनाव होने हैं. उच्च सदन की सीटें अप्रैल, जून और नवंबर 2026 में खाली हो जाएंगी, जिससे एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच सत्ता संतुलन में बदलाव देखने को मिल सकता है. आगामी चुनावों में बिहार से राज्यसभा की 5 और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें खाली होंगी. इसके अलावा महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कई पूर्वोत्तर राज्यों में भी सीटें खाली होंगी. 

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इन बड़े नेताओं के लौटने पर संकटजिन वरिष्ठ नेताओं का कार्यकाल 2026 में समाप्त हो रहा है, उनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, दिग्विजय सिंह, शरद पवार और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, बीएल वर्मा, रवनीत सिंह बिट्टू और जॉर्ज कुरियन शामिल हैं. इन नेताओं का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित है, क्योंकि यह देखना बाकी है कि वे संसद में लौटेंगे या उनकी जगह नए चेहरे आएंगे.

अप्रैल में राज्यसभा में बिहार की 5 सीटें और नवंबर 2026 में महाराष्ट्र की 7 और सीटें रिक्त हो जाएंगी. झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी अतिरिक्त सीटें खाली होंगी. यह अवधि उच्च सदन में परिवर्तन का एक केंद्रित चरण है, जो एक साथ कई राज्यों को प्रभावित करेगा.

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यूपी की 10 सीटें होंगी खालीउत्तर प्रदेश की 10 सीटें भी नवंबर 2026 तक खाली होने वाली हैं. मध्य प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के सदस्यों का कार्यकाल भी इसी अवधि में समाप्त हो जाएगा, जिससे बदलाव का दायरा और भी बढ़ जाएगा.

राज्यसभा में वर्तमान में एनडीए के पास 129 सीटें हैं, जबकि विपक्ष के पास 78 सीटें हैं. 2026 के चुनाव एक महत्वपूर्ण मुकाबला साबित हो सकते हैं, जो उच्च सदन में सत्ता के संतुलन को बदल सकते हैं और आने वाले समय में पार्टी की रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकते हैं.

बिहार में इन नेताओं का कार्यकाल होगा समाप्तबिहार में 9 अप्रैल को राज्यसभा की 5 सीटें खाली हो जाएंगी और मार्च तक चुनाव होने की संभावना है. जिन नेताओं का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह, जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर के अलावा राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं.

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