Rajiv Gandhi Assassination Case: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के छह दोषियों की रिहाई के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने शुक्रवार (11 नवंबर) को कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने दिखाया है कि राज्यपालों को चुनी हुई सरकारों के फैसलों को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहिए.


एमके स्टालिन ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि राज्यपालों को चुनी हुई सरकारों के फैसलों और प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहिए." तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ द्रमुक के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने न्यायालय के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए भी दोषियों की रिहाई की पैरोकारी की थी.


"केंद्र से की थी अपील"
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि पिछले साल राज्य में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने केंद्र से उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तथा उन्हें रिहा कराने के लिए लड़ी गयी कानूनी लड़ाई का समर्थन किया. स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल (बनवारीलाल पुरोहित और बाद में आर एन रवि) ने दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले (2018 में अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान लिये गये) को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.


उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की मंजूरी देने के लिए राज भवन पर लगातार दबाव बनाया. वहीं राजीव गांधी की हत्या के मामले में नलिनी सहित छह दोषियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उनके (नलिनी के) वकील पी. पुगालेंथी ने शुक्रवार (11 नवंबर) को खुशी प्रदान करने वाला बताया.


कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के राजीव गांधी हत्याकांड के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन को समय से पहले रिहा किये जाने के फैसला की आलोचना करते हुए कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य और गलत है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप कार्य नहीं किया है. उन्होंने एक बयान में कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को मुक्त करने का कोर्ट का निर्णय गलत है." 


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