Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बैंच में मंगलवार को जो घटना हुई उसको लेकर ये कहा जा सकता है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. इस दिन दोपहर के भोजन तक किसी भी अदालत में कोई काम नहीं हुआ, क्योंकि कोई भी जज कोर्ट रुम में नहीं गया. ऐसा भी नहीं कि मंगलवार को अवकाश था, लेकिन एक जज और वकीलों के बीच सोमवार को हुआ विवाद इस कदर बढ़ा कि मंगलवार को जयपुर बैंच के सभी जज आपस में बैठकें करते रहे और इसकी वजह से अदालती कामकाज दोपहर के भोजन के बाद शुरू हो सका.


इस पूरे मामले की शुरुआत सोमवार को हुई थी जब एक जज सतीश चंद्र शर्मा के एक मामले की सुनवाई नहीं करने के फैसले से नाराज वकीलों में उनकी कोर्ट के बहिष्कार का फैसला कर लिया. वकील चाहते थे कि जज सतीश चंद्र शर्मा का रोस्टर बदला जाए. मामला बढ़ा तो हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने दखल देकर उस मामले की सुनवाई तो दूसरे जज से करवा ली, जिसकी सुनवाई जज सतीश चंद्र शर्मा उसी दिन नहीं कर रहे थे, लेकिन इसके बावजूद बार से जुड़े तमाम वकील जज सतीश चंद्र शर्मा की अदालत के बहिष्कार के फैसले पर अड़े रहे. वकील उनका रोस्टर बदलने की अपनी मांग पर कायम रहे.


मंगलवार को सुबह जब हाईकोर्ट का काम शुरू हुआ तो सभी जज आपस में बैठक करने लगे. इस बैठक में जयपुर बैंच के सभी जज शामिल हुए. राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भुवनेश शर्मा का कहना है कि इस बैठक के जरिये सभी जज अपनी एकजुटता दिखा रहे थे. जजों की बैठक के बाद उनकी वकीलों के प्रतिनिधमंडल से भी बातचीत हुई और इस दौरान कोई भी जज कोर्ट रूम में नहीं गया. इसकी वजह से लंच तक किसी भी अदालत में कोई काम नहीं हुआ. इसके बाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक लिखित आदेश निकाला जिसमें जज और वकीलों के विवाद को सुलझाने के लिए छह जजों की कमेटी का गठन करते हुए बार के माध्यम से वकीलों को कोर्ट में आने की अपील भी की गई.


विवाद भले ही कुछ भी हो लेकिन किसी हाई कोर्ट में जजों के नहीं आने का ये मौका आम तौर पर देखने सुनने को नहीं मिलता. कई साल पहले ऐसा एक मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सामने आया था जब वहां के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की कार्य प्रणाली का विरोध जताने के लिए हाई कोर्ट के अधिकांश जज एक साथ छुट्टी पर चले गए थे. इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बाद में सख्त रुख अपनाया था और कुछ जजों के तबादले भी अन्य राज्यों की हाई कोर्ट में कर दिए गए थे. इस मामले के बाद संभवत ये दूसरा मामला है जब किसी कार्य दिवस को हाईकोर्ट में कामकाज नहीं हो सका हो. बार एसोसिएशन की जज सतीश चंद्र शर्मा का रोस्टर बदलने की मांग पर अब छह जजों की कमेटी जांच करेगी, लेकिन मंगलवार को जजों के कोर्ट रुम में नहीं आने के मुद्दे की चर्चा हाई कोर्ट में चर्चा का विषय बनी रही.


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