नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस की जीत होती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा, सबसे बड़ा सवाल यही है. प्रदेश में पार्टी की तरफ से प्रमुख तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बताए जा रहे हैं, लेकिन पार्टी ने अबतक इस मामले पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

'कौन बनेगा करोड़पति से की तुलना'

जाहिर है पार्टी नहीं चाहती कि दो बड़े और मजबूत नेताओं में से किसी एक को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया जाए क्योंकि किसी एक का नाम आगे करने से दूसरे खेमे के नाराज होने का डर है. ऐसे में आज जब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ये पूछा गया कि आख़िर चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेता तो उन्होंने इसकी तुलना सुपरस्टार अमिताभ बच्चन द्वारा संचालित मशहूर टीवी प्रोग्राम ' कौन बनेगा करोड़पति से कर दी. गहलोत ने बस इतना कहा- ' आप ये बताइए, कौन बनेगा करोड़पति में करोड़पति कौन बनेगा ये तो खेल के बाद ही पता चलता है न.'

सचिन पायलट भी थे मौजूद

रोचक बात ये है कि जिस मंच से अशोक गहलोत ने ये बयान दिया उसपर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार सचिन पायलट भी मौजूद थे. मौका था कांग्रेस दफ्तर में बीजेपी के पूर्व विधायक और वरिष्ठ बीजेपी नेता जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह के पार्टी में शामिल होने का. माना जा रहा है कि युवा होने के चलते सचिन पायलट पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की पहली पसंद हो सकते हैं हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोत को नजरअंदाज करना फिलहाल जल्दबाजी होगी.

भैरों सिंह शेखावत और जसवंत सिंह से हमदर्दी, राजपूत वोटों पर नजर

मानवेंद्र सिंह को अपने पाले में करके कांग्रेस पार्टी बीजेपी के परंपरागत राजपूत वोटबैंक में सेंध लगाना चाहती है. खासकर पश्चिमी राजस्थान में राजपूत काफी मजबूत माने जाते हैं. आंकड़ों के लिहाज से राज्य में राजपूतों की आबादी छह फीसदी के आसपास है और एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर अकेले ही जीत तय करने की ताकत रखते हैं. ऐसे में मानवेंद्र सिंह को पार्टी में शामिल किए जाने के मौके पर कांग्रेस को राज्य के दो सबसे बड़े राजपूत नेता, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावट और मानवेंद्र सिंह के पिता जसवंत सिंह याद आ गए.

मानवेंद्र सिंह की मौजूदगी में अशोक गहलोत ये याद दिलाना नहीं भूले के राज्स्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किस तरह इन दोनों नेताओं की अनदेखी की. गहलोत ने दावा किया, ' जब भैरों सिंह उपराष्ट्रपति थे तब वसुंधरा राजे ने एक बार भी उन्हें राजस्थान नहीं बुलाया. जब वो बीमार पड़े तब भी उन्हें देखने नहीं गईं.' मंच पर ही मौजूद सचिन पायलट ने जसवंत सिंह से हमदर्दी दिखाते हुए आरोप लगाया कि 2014 लोकसभा चुनाव में जसवंत सिंह का टिकट काटकर वसुंधरा राजे ने पूरे समाज के सम्मान को ठेस पहुंचाई.